प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्पेस जाने की अटकलों के बीच कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने तंज कसा है। उन्होंने गुरुवार (4 जुलाई) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ‘नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री को स्पेस में जाने से पहले मणिपुर जाना चाहिए।’
जयराम रमेश ने कहा, ‘1 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मणिपुर में संवैधानिक तंत्र खत्म हो गया है। कल (3 जुलाई) कोर्ट ने फिर कहा कि वह राज्य सरकार पर भरोसा नहीं कर सकती। फिर भी नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री बातों के अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं।’
इससे पहले जयराम रमेश ने बुधवार (3 जुलाई) को कहा था कि मणिपुर 3 मई 2023 से जल रहा है। विभिन्न समुदायों के बीच हिंसा हुई है। सैकड़ों लोग मारे गए, हजारों लोग विस्थापित हुए। सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया कि राज्य में संवैधानिक मशीनरी खत्म हो गई है, लेकिन PM चुप हैं। आज तक मोदी मणिपुर नहीं गए।
दरअसल, हाल ही में इंडियन स्पेस रिसर्च सेंटर (ISRO) चीफ एस सोमनाथ ने एक टीवी नेटवर्क को दिए इंटरव्यू में कहा था कि PM मोदी भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के यात्री हो सकते हैं। एस सोमनाथ ने कहा कि PM मोदी के स्पेस जाने पर पूरे देश को गर्व होगा।
इसरो चीफ ने कहा- अभी किसी VIP को नहीं भेजा जा सकता
इसरो चीफ से सवाल किया गया था कि अगर मोदी स्पेस जाने का फैसला करते हैं तो क्या आप खुश होंगे? इसके जवाब में एस सोमनाथ ने कहा, ‘बिल्कुल, मुझे बहुत खुशी होगी, लेकिन अभी हम अपनी पहली ह्यूमन स्पेस फ्लाइट की क्षमताओं को विकसित करना चाहते हैं।
हम चाहेंगे कि प्रधानमंत्री जब भी स्पेस की यात्रा करें, तो भारतीय स्पेस फ्लाइट से जाएं। इसके लिए गगनयान का पूरी तरह से तैयार होना जरूरी है। मैं गगनयान के तैयार होने, उसके सफल होने और PM की यात्रा के लिए पूरी तरह से क्वालिफाई होने का इंतजार करूंगा।’
एस सोमनाथ ने यह भी कहा कि इस वक्त गगनयान जैसे मिशन के लिए किसी VIP या अन्य उम्मीदवार के नाम पर विचार नहीं किया जा सकता, क्योंकि इस ऑपरेशन में बहुत ज्यादा स्किल और ट्रेनिंग की जरूरत होती है, जिसमें कई साल और महीने लगते हैं।
गगनयान भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन है, जो 2025 में लॉन्च हो सकता है। इस मिशन का मकसद भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पहली बार देश में बने स्पेस रॉकेट से पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना है। अगर मिशन सफल रहा तो भारत स्पेस में इंसानों को भेजने वाला चौथा देश होगा।
गगनयान मिशन तीन दिन का होगा। इसके तहत, चार अंतरिक्ष यात्रियों को 400 किमी की कक्षा में भेजने और उन्हें पृथ्वी पर सुरक्षित वापस लाने की योजना है। गगनयान मिशन 2020 में लॉन्च करने की योजना थी, लेकिन कोविड महामारी और दूसरे कारणों के चलते लॉन्चिंग टालनी पड़ी।
PM मोदी ने फरवरी में भारत के पहले मैन्ड मिशन के लिए चुने गए चार पायलटों के नामों का ऐलान किया था। इनके नाम ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला हैं। चारों की ट्रेनिंग रूस में हुई है।
दरअसल, PM मोदी ने मई, 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि जब मेरी मां जिंदा थीं तो मुझे लगता था कि मैं बायोलॉजिकल रूप से पैदा हुआ हूं। उनके निधन के बाद मुझे यकीन हो गया है कि मुझे भगवान ने किसी खास मकसद के लिए भेजा है।
मोदी ने कहा कि इसलिए भगवान ने मुझे ऐसा करने की क्षमता, शक्ति, शुद्ध हृदय और प्रेरणा भी दी है। मैं कुछ नहीं बल्कि भगवान द्वारा भेजा गया एक उपकरण हूं। मुझे एक दैवीय मिशन को पूरा करने के लिए भेजा गया है।
मोदी के इस बयान पर राहुल समेत विपक्ष के कई नेताओं ने तंज कसा था। राहुल ने कहा कि मोदी कहते है कि वे बायोलॉजिकल नहीं हैं। वे ऊपर से टपककर आए हैं। उनको परमात्मा ने काम करने के लिए हिंदुस्तान में भेजा है। परमात्मा ने उनको अडाणी-अंबानी की मदद करने के लिए भेजा है, लेकिन परमात्मा ने उन्हें किसान, मजदूर की मदद के लिए नहीं भेजा।

