वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में दो याचिका लगाई गई। बिहार के किशनगंज से कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने यह याचिका लगाई है।
बिल पर 2 और 3 अप्रैल को लोकसभा-राज्यसभा में 12-12 घंटे की चर्चा के बाद पास हुआ था। इसे अब राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। उनकी सहमति के बाद यह कानून बन जाएगा।
राज्यसभा से गुरुवार को बिल पास होने के बाद कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा था कि कांग्रेस हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। तमिलनाडु की DMK ने भी याचिका लगाने की बात कही थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने वक्फ संशोधन बिल के पास होने को एक बड़ा सुधार बताया। उन्होंने शुक्रवार सुबह X पर लिखा कि यह कानून ट्रांसपेरेंसी बढ़ाएगा और गरीब-पसमांदा मुस्लिमों के अधिकारों की रक्षा करेगा।
उन्होंने कहा- वक्फ संपत्तियों में सालों से गड़बड़ी हो रही थी, जिससे खासतौर पर मुस्लिम महिलाओं और गरीबों को नुकसान हुआ। यह नया कानून इस समस्या को दूर करेगा।
लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इसके साथ ही 31 जनवरी से शुरू हुए बजट सत्र का पहला और दूसरा सेशन समाप्त हो गया। स्पीकर ओम बिरला ने बताया कि इस सत्र में वक्फ बिल समेत 16 विधेयक पास किए गए। सदन की प्रोडक्टिविटी 118% रही।
वहीं, बिरला ने वक्फ बिल को लेकर सोनिया गांधी को नसीहत दी। इस पर विपक्षी सांसदों ने बिरला के खिलाफ नारेबाजी की। सोनिया ने बिल के पास होते वक्त संसदीय प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे।
JDU ने बिल का सपोर्ट किया, 7 मुस्लिम नेताओं ने विरोध में पार्टी छोड़ी
JDU ने वक्फ बिल संशोधन बिल का समर्थन किया है। इसके बाद बिल को समर्थन देने से नाराज 7 मुस्लिम नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। इनमें अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव मोहम्मद शाहनवाज मलिक, प्रदेश महासचिव मो. तबरेज सिद्दीकी अलीग, भोजपुर से पार्टी सदस्य मो. दिलशान राईन और मोतिहारी की ढाका विधानसभा सीट से पूर्व प्रत्याशी मोहम्मद कासिम अंसारी शामिल हैं।

