पहलगाम आतंकी हमले में शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी का मुस्लिम और कश्मीरी लोगों पर दिए बयान पर विवाद हो रहा है।
1 मई को हिमांशी ने कहा था- घटना के बाद लोग जिस तरह से मुस्लिम और कश्मीरियों के खिलाफ बोल रहे हैं, वो नहीं होना चाहिए। हमें न्याय चाहिए। जिन लोगों ने गलत किया उनको सजा मिलनी चाहिए।
बयान के बाद हिमांशी की ट्रोलिंग की गई। लोगों ने उन्हें अपशब्द भी कहे। उन्हें गोली मारने की भी बात कही गई। सोमवार को हिमांशी के सपोर्ट में राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) आया और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी आए।
आयोग ने कहा- किसी महिला को उसकी अभिव्यक्ति के आधार पर ट्रोल करना गलत है। हिमांशी को उनके एक बयान के लिए ट्रोल करना गलत और दुर्भाग्यपूर्ण है। किसी महिला के निजी जीवन को आधार बनाकर उसे ट्रोल करना अस्वीकार्य है।
ओवैसी ने भी किया हिमांशी का समर्थन
हिमांशी को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और सोशल मीडिया पर हजारों अन्य लोगों से समर्थन भी मिला है। ओवैसी ने सरकार से कुछ राज्यों में कश्मीरियों को निशाना बनाए जाने की खबरों के बीच हिमांशी के शब्दों को याद रखने के लिए कहा।
हिमांशी को लोगों ने भला-बुरा कहा था
हिमांशी के बयान पर एक X यूजर ने कहा था- हिमांशी सामाजिक और राजनीतिक तौर पर आगे बढ़ना चाहती है, इसलिए मौके का फायदा उठा रही है।
एक ने लिखा था- हिमांशी को गोली मार दी जानी चाहिए थी। वहीं, कुछ लोगों ने कहा कि हमले के बाद वीडियो में वह इतनी नॉर्मल कैसे दिख सकती है, वह कभी भी सदमे में नहीं दिखी।
एक और यूजर ने लिखा था- ऐसा लगता है कि यह उसकी एक साजिश थी। सुरक्षा एजेंसियों को जांच करनी चाहिए। यह धर्मनिरपेक्षता नहीं है। यह खुले तौर पर इस्लामी आतंकवादियों का समर्थन करना है।

