संसद का शीतकालीन सत्र (विंटर सेशन) 1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलेगा। 19 दिन में पूरे सत्र के दौरान 15 बैठकें होंगी। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसकी जानकारी दी। रिजिजू ने बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद सत्र बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
इससे पहले 21 जुलाई से 21 अगस्त तक संसद का मानसून सत्र चला था। सत्र के पहले दिन राज्यसभा के तत्कालीन उपसभापति जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दे दिया। फिर पूरा सत्र बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया था। मानसून सत्र में कुल 21 बैठकें हुईं।
लोकसभा में 120 घंटे चर्चा का समय निर्धारित था, लेकिन सिर्फ 37 घंटे कार्यवाही चली। राज्यसभा में सिर्फ 41 घंटे चर्चा हुई। लोकसभा-राज्यसभा में कुल 27 बिल पास हुए। गिरफ्तार PM-CM को हटाने वाला संविधान संशोधन बिल सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। इसे जेपीसी के पास भेजने का प्रस्ताव पारित हुआ।
संसद के शीतकालीन सत्र में I.N.D.I.A. ब्लॉक मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग ला सकता है। 18 अगस्त को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर I.N.D.I.A. ब्लॉक की बैठक हुई थी।
बैठक के बाद कांग्रेस, TMC, सपा, DMK, राजद समेत 8 विपक्षी दलों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें TMC महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा- संसद के मौजूदा सत्र (मानसून सत्र) में 3 दिन बाकी हैं। महाभियोग लाने के लिए 14 दिन पहले नोटिस देना जरूरी है। CEC के रवैये को देखते हुए हम अगले सत्र (शीतकालीन सत्र) में नोटिस देंगे।
दरअसल, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने 7 अगस्त को चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोप लगाए थे। 17 अगस्त को CEC ज्ञानेश कुमार ने कहा था- राहुल वोट चोरी के आरोपों पर हलफनामा दें या देश से माफी मांगे।
जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अचानक देश के 14वें उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया था। 74 साल के धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था। बीच सत्र में इस्तीफा देने वाले धनखड़ पहले उपराष्ट्रपति हैं। मानसून सत्र के दूसरे दिन 22 जुलाई को लोकसभा और राज्यसभा विपक्ष ने बिहार SIR को लेकर हंगामा किया। सांसदों ने सदन के अंदर और बाहर विरोध किया। ये विरोध प्रदर्शन पूरे सत्र के दौरान जारी रहा जिससे दोनों सदन में पूरे दिन की कार्यवाही नहीं हो सकी।

