केरल के तिरुवनंतपुरम में एक मरीज के दो दिन तक अस्पताल की लिफ्ट में फंसा रह गया। सोमवार को जब लिफ्टमैन ड्यूटी पर लौटा, तब मरीज बेहोशी की हालत में लिफ्ट में मिला।
पुलिस ने बताया कि पीड़ित रवींद्रन नायर (59) तिरुवनंतपुरम के उल्लूर का रहने वाला है। वह 13 जुलाई (शनिवार) को बैक पैन का इलाज कराने मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल आया था।
डॉक्टर ने उसे टेस्ट कराने को कहा था। वह कुछ डॉक्यूमेंट लेने के लिए अस्पताल से घर आया। इसके बाद जब वे दोबारा अस्पताल गए तो फर्स्ट फ्लोर तक जाने के लिए लिफ्ट में चढ़ा।
अचानक लिफ्ट जोर-जोर से हिलने लगी और अटक गई। इस दौरान रवींद्रन का मोबाइल फोन गिरकर टूट गया। वह मदद के लिए चिल्लाया, लेकिन कोई भी बचाने के लिए नहीं पहुंचा।
रविवार को छुट्टी के कारण लिफ्ट पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। सोमवार सुबह 6 बजे लिफ्टमैन आया तो उसे रवींद्रन बेहोशी के हालत में मिले। इलाज के बाद उनकी हालत स्थिर बताई गई है।
इमरजेंसी अलार्म बजाया लेकिन रिस्पांस नहीं मिला
रवींद्रन के बेटे हरिशंकर का कहना है कि लिफ्ट में बंद होते ही उनके पिता ने इमरजेंसी अलार्म बजाया था, लेकिन इस पर कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। हरिशंकर ने अपने पिता को कॉल करने की कोशिश की लेकिन फोन स्विच ऑफ होने की वजह से संपर्क नहीं हो सका।
जब रवींद्रन वापस नहीं लौटे तो उनके बेटे ने आस-पास तलाश करके, रविवार रात को मेडिकल कॉलेज पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई। उन्होंने नहीं सोचा था उनके पिता लिफ्ट में फंसे होंगे क्योंकि अस्पताल में सुरक्षाकर्मी मौजूद थे। लेकिन लिफ्ट बंद होने की कोई सूचना नहीं थी। उनका कहना है कि वे लापरवाही को लेकर अस्पताल प्रशासन पर कार्रवाई करेंगे।
अपार्टमेंट में साफ-सफाई का काम करके लौट रही महिला लिफ्ट में फंस गई। वह करीब 45 मिनट तक बचाने के लिए चीखती चिल्लाती रही। शोर सुनकर अपार्टमेंट के लोगों ने इमरजेंसी चाबी से लिफ्ट का गेट खोला और उसे बचाने की कोशिश की।
महिला को लिफ्ट से बाहर निकालते समय स्टूल से उसका पैर फिसला और वह तीसरी मंजिल से बेसमेंट में गिर गई। महिला को गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

