प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुवाहाटी में कहा कि कांग्रेस ने हमेशा से असम विरोधी काम किया। कांग्रेस ने वोट बैंक के लिए घुसपैठियों को खुली छूट दी और यहां की डेमोग्राफी बदली। इससे ये हुआ कि पूरे असम की सुरक्षा और पहचान दांव पर लग गई।
पीएम ने कहा- मोदी कांग्रेस की गलतियां सुधार रहा है। आज हिमंता जी की सरकार मेहनत से असम के संसाधनों को देश विरोधी लोगों से मुक्त करा रही है। अवैध घुसपैठियों को पहचानकर उन्हें बाहर किया जा रहा है।
मोदी दो दिन के असम दौरे पर पहुंचे। उन्होंने गुवाहाटी में लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई इंटरनेशनल एयरपोर्ट की नई टर्मिनल बिल्डिंग का उद्घाटन किया। यह देश का पहला प्रकृति-थीम वाला एयरपोर्ट टर्मिनल है, जिसकी थीम बांस उद्यान पर आधारित है। मोदी रविवार को असम में ₹15,600 करोड़ के प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन-शिलान्यास करेंगे।
असम से पहले पीएम कोलकाता पहुंचे थे। यहां उन्होंने एयरपोर्ट से नादिया जिले के राणाघाट में आयोजित कार्यक्रम को फोन से वर्चुअली संबोधित किया था। मोदी ने कहा- ऐसा नहीं है कि बंगाल के विकास के लिए पैसों की कमी है, लेकिन यहां की सरकार सिर्फ कट और कमीशन में लगी रहती है।
पूर्वोत्तर में पहले हिंसा होती थी यहां 4जी 5जी से टेक्नोलॉजी पहुंची रही है। साथियों हम पूर्वोत्तर की संस्कृति और पहचान की रक्षा कर रहे हैं। कांग्रेस की जड़ें आजादी से पहले से जुड़ी हैं। गुवाहाटी से जलपाईगुड़ी तक चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ने यात्रा के समय को कम किया। कार्गो ट्रेफिक में 140 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक गंगा विकास को लेकर उत्साह है। कांग्रेस की सरकारों ने असम और पूर्वोत्तर विकास से दूर रखने का पाप किया है।
भारत अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने जा रहा है। 11 साल में ये कैसे हुआ। इसमें बहुत बड़ी भूमिका इन्फ्रॉस्ट्रक्चर की है। विकास के इस महाअभियान में देश के हर क्षेत्र की भागीदारी है। हम पिछड़ों को मौका दे रहे हैं। आज असम और पूर्वोत्तर हमारे मिशन का नेतृत्व कर रहे हैं। हमने पूर्वोत्तर को प्राथमिकता दी है। असम को भारत के ईस्टर्न गेटवे के रूप में उभरता देख रहे हैं। ये शुरुआत आगे तक जाएगी। असम कई क्षेत्रों में विकसित भारत का इंजन बनेगा।
पीएम ने कहा- इस नई टर्मिनल बिल्डिंग से गुवाहाटी की क्षमता बढ़ेगी। अब सवा करोड़ से ज्यादा पर्यटक आ सकेंगे। मां कामाख्या के दर्शन आसान हो जाएंगे। इस एयरपोर्ट से दिखता है कि विकास और विरासत के मायने क्या हैं। टर्मिनल के अंदर हरियाली है। प्रकृति से जुड़ी डिजाइन है। यहां टेक्नोलॉजी है। इसे बनाने में बांस का इस्तेमाल किया गया है जो खूबसूरती दिखाता है और मजबूती भी।
2014 में आपने मुझे काम दिया उसके पहले देश में कानून था कि बंबू को काट नहीं सकते। वे कहते थे बांस वृक्ष है। जबकि दुनिया मानती है कि बांस पौधा है। हमने कानून हटाया और ग्रास की कैटेगरी में जो सचमुच में बंबू की पहचान है। तब जाकर आज बांस से इतनी बड़ी बिल्डिंग बनी है। आज दुनियाभर में भारत के एयरपोर्ट की रचनाओं की चर्चा है।

