असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (SMCH) के बाहर पुलिस और कुकी समुदाय के लोगों के बीच विवाद हुआ, जिसके बाद पुलिस ने लोगों पर लाठीचार्ज किया।
दरअसल, मणिपुर के जिरीबाम जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए 10 उग्रवादियों के परिजन उनके शव मांगने के लिए अस्पताल के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे।
असम पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की कि शव मणिपुर पुलिस को सौंपे जाएंगे, लेकिन परिजन शव वहीं सौंपे जाने की मांग करते हुए पत्थरबाजी पर उतर आए।
इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया, जिसके बाद हालात काबू में आए और परिजन मणिपुर पुलिस से शव लेने पर सहमत हुए। अब शवों को मणिपुर के चुराचांदपुर एयरलिफ्ट किया जा रहा है।
पूरी घटना विस्तार से समझिए…
11 नवंबर की मुठभेड़ में मारे गए 10 कुकी उग्रवादियों के शव को 12 नवंबर को असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (SMCH) लाया गया। अगले दो दिनों में सभी शवों का पोस्टमॉर्टम किया गया।
जिरीबाम और असम के करीब 400 स्थानीय लोग 12 नवंबर से ही SMCH में डेरा डाले रहे। ये लोग शवों को उन्हें सौंपने की मांग पर अड़े थे। मृतकों के परिवार यहां नहीं आ सकते, इसलिए उन्हें सौंपने की मांग कर रहे थे।
शनिवार (16 नवंबर) सुबह करीब 10 बजे, असम के कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अतिरिक्त बल के साथ SMCH पहुंचे और शवों को मुर्दाघर से बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू हुई। पुलिस इन शवों को मणिपुर के चुराचांदपुर एयरलिफ्ट करने वाली थी।
लेकिन, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने मुर्दाघर के सामने धरना दिया और पुलिस को अंदर जाने से रोक दिया। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि शव यहीं सौंपे जाएं। उन्होंने पुलिस को शव लेने से रोक दिया।
पुलिस और अन्य सरकारी अधिकारियों ने कहा कि शव मणिपुर के चुराचांदपुर में सौंपे जाएंगे। इस पर एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘हम पिछले पांच दिन से यहां इंतजार कर रहे हैं, हम शवों को एयरलिफ्ट नहीं होने देंगे। उन्हें यहां सौंप दें, हम चले जाएंगे।’
सरकारी अधिकारियों और पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन करीब एक घंटे की चर्चा के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ना शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने भी पुलिस को पीछे धकेला, जिसके चलते कुछ पुलिस अधिकारी जमीन पर गिर गए। इसके बाद अधिकारियों ने लाठीचार्ज किया।
इससे भारी अफरातफरी मच गई और प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। इससे पुलिस को पीछे हटना पड़ा। इसके बाद असम के पुलिस महानिरीक्षक (कानून और व्यवस्था) प्रशांत कुमार भुइयां और कछार के पुलिस अधीक्षक (एसपी) नुमाल महत्ता ने प्रदर्शनकारियों से बात की और उन्हें सहयोग करने के लिए 15 मिनट का समय दिया।
इसके बाद असम पुलिस और मणिपुर पुलिस शव को असम राइफल ले गई, जहां से शवों को हेलीकॉप्टर से चुराचांदपुर ले जाया गया।
कछार पुलिस अधीक्षक बोले- असम में ऐसी हिंसा की अनुमति नहीं देंगे
कछार के पुलिस अधीक्षक (एसपी) नुमाल महत्ता ने कहा, ‘यह मणिपुर नहीं है, यह असम है और हम इस तरह की हिंसा की अनुमति नहीं देंगे। शव मणिपुर से आए हैं और उन्हें मणिपुर के चुराचांदपुर भेजना हमारा कर्तव्य है। अगर आप अंतिम संस्कार में शामिल होना चाहते हैं, तो आप वहां जा सकते हैं।

