आबादी पर काबू के लिए तत्तकालीन परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने साल 2009 में एक बयान दिया था जब उन्होने कहा था कि शादी की उम्र बढ़ा देनी चाहिए क्योंकि 18 साल की उम्र में लोग शादी करके बच्चे पैदा करने की फैक्ट्री लगा लेते हैं। इसके साथ ही उनका मानना था कि घर में टेलीवीजन होगा तो बच्चे कम पैदा किए जाएंगे। अब ऐसा ही कुछ बयान असम में कांग्रेस पार्टी की सहयोगी की तरफ से सामने आया है। कांग्रेस की गठबंधन में शामिल असम यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एयूडीएफ) के संस्थापक बदरुद्दीन अजमल वे जनसंख्या बढ़ने व इसके नियंत्रण को लेकर अपनी अहम राय सामने रखी है।
उन्होंने इसके समाधान के तौर पर तालीम यानी शिक्षा दिए जाने को जरूरी बताया क्योंकि जब लोग पढ़-लिख जाएं तो खुद अपने अच्छे-बुके को समझेंगे। इसके साथ ही उन्होंने गरीबी की समस्या को उजागर करते हुए कहा कि इसे दूर किए बिना जनसंख्या नियंत्रण नहीं हो पाएगा। अजमल ने पूछा कि गरीबीों को उनके मनोरंजन के लिए क्या दिया गया है? एक समाचार चैनल से बात करते हुए एयूडीएफ नेता ने कहा कि गरीबों के पास देखने के लिए टेलीविजन नहीं है, रहने को घर नहीं है और बिजली नहीं है। अब इंसान हैं वो भी। गरीब जब रात को उठेगा तो फिर मियां-बीवी हैं दोनों क्या करेंगे? बच्चे ही तो पैदा करेंगे।