महाराष्ट्र में अजित गुट के नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) के राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल को मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ी राहत मिली है। मुंबई के अपीलेट ट्रिब्यूनल ने इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें प्रफुल्ल के मुंबई स्थित 180 करोड़ की संपत्तियों को जब्त करने की मांग की गई थी।
ED का आरोप था कि ये संपत्तियां दाऊद इब्राहिम के करीबी और ड्रग माफिया इकबाल मिर्ची की विधवा हाजरा इकबाल मेमन से अवैध लेनदेन के जरिए हासिल की गई थीं। 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट मामले के आरोपी मिर्ची की 2013 में मौत हो गई थी।
हालांकि, कोर्ट ने पटेल के खिलाफ ED की कार्रवाई को अवैध बताया और कहा कि ये संपत्तियां मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल नहीं थीं और न ही इकबाल मिर्ची से जुड़ी थीं। कोर्ट ने 3 जून को अपने आदेश में ED को प्रफुल्ल पटेल की जब्त संपत्ति वापस लौटाने को कहा है।
कोर्ट ने कहा कि सीजे हाउस में हाजरा मेमन और उनके दो बेटों की 14,000 वर्ग फीट की संपत्ति अलग से कुर्क की गई थी। इसलिए प्रफुल्ल पटेल की अन्य 14,000 वर्ग फीट की संपत्ति को दोहरी कुर्की की जरूरत नहीं थी, क्योंकि यह सीजे हाउस की आय का हिस्सा नहीं था।
प्रफुल्ल पटेल की कंपनी ने कराया थी बिल्डिंग का निर्माण
ED के अनुसार, प्रफुल्ल पटेल की मिलेनियम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने 2006-07 में मुंबई में सीजे हाउस नाम की एक बिल्डिंग का निर्माण किया था। आरोप है कि पटेल और मिर्ची के बीच 2007 में प्रॉपर्टी को लेकर एग्रीमेंट हुआ था।
बताया गया कि यह बिल्डिंग एक ऐसे जमीन पर बनाई गई थी, जहां मिर्ची की भी कुछ संपत्तियां थीं। जमीन के बदले मिलेनियम डेवलपर्स ने 2007 में तीसरी और चौथी मंजिल मिर्ची की पत्नी हाजरा को ट्रांसफर कर दी।
जब ED को पता चला कि मिर्ची ने हवाला लेनदेन के माध्यम से जमीन खरीदी थी, तो मिर्ची के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बिल्डिंग की तीसरी और चौथी मंजिल को 2019 में कुर्क कर लिया। अक्टूबर 2019 में मामले को लेकर प्रफुल्ल पटेल से 12 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ भी की गई थी।
उस समय DHFL के प्रमोटर कपिल और धीरज वधावन को गिरफ्तार किया गया था। बाद में धीरज वधावन को जमानत दे दी गई। पटेल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि सीजे हाउस में सभी संपत्तियों की लेनदेन कानूनी तरीके से हुई है।
ED ने 2022 में लगभग 7 फ्लैट्स अटैच किए थे
ED ने 2022 में सीजे हाउस के 12वें और 15वें फ्लोर पर कम से कम 7 फ्लैट्स PMLA एक्ट के तहत अटैच किया था। इनकी कीमत करीब 180 करोड़ बताई जाती है। ये फ्लैट्स प्रफुल्ल की पत्नी वर्षा और उनकी कंपनी मिलेनियम डेवलपर के नाम पर रजिस्टर थी।
इस केस में इकबाल मिर्ची की पत्नी और बेटों को PMLA कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। ED ने दुबई, यूके सहित देश-विदेश में भी मिर्ची से जुड़े 800 करोड़ रुपए की संपत्ति भी जब्त की है।
प्रफुल्ल पटेल NCP (तब अविभाजित) प्रमुख शरद पवार के करीबी माने जाते थे। वे जुलाई 2023 में बगावत के बाद अजित गुट के NCP में आ गए थे। पटेल ने यूपीए सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री के रूप में भी काम किया है।
प्रफुल्ल पटेल ED की रडार पर आने वाले NCP के चौथे नेता हैं। उनसे पहले अनिल देशमुख, नवाब मलिक और हसन मुशरिफ ED की जांच के दायरे में आए थे।

