इसरो ने रविवार को श्रीहरिकोटा में गगनयान मिशन के लिए पहला पैराशूट की मदद से एयर ड्रॉप टेस्ट (IADT-01) किया। इस दौरान भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलिकॉप्टर के जरिए 4 किमी की ऊंचाई से क्रू मॉड्यूल ड्रॉप किया गया।
इस टेस्ट का मकसद गगनयान मिशन से पहले पैराशूट की विश्वसनीयता जांचना था। इस परीक्षण से यह जानना था कि अंतरिक्ष से क्रू मॉड्यूल को लाने वाले पैराशूट समय पर खुल रहे हैं या नहीं, सेफ लैंडिंग होती है या नहीं।
एयर ड्रॉप टेस्ट इसरो, भारतीय वायुसेना, डीआरडीओ, भारतीय नौसेना और इंडियन कोस्ट गार्ड का जॉइंट ऑपरेशन था।
दिल्ली में सम्मानित हुए गगनयान के एस्ट्रोनॉट्स
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को इंडियन एयरफोर्स स्पेस कॉन्फ्रेंस में भाग लिया। उन्होंने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और उनके अन्य सहयोगियों, ग्रुप कैप्टन पी वी नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन और ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप को सम्मानित किया। इस दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल एपी सिंह भी मौजूद रहे।
राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘मुझे बताया गया कि आप (शुभांशु शुक्ला) भी बजरंग बली के भक्त हैं। आपने वहां (अंतरिक्ष में) कई बार हनुमान चालीसा पढ़ी होगी। हनुमान जी का एक भक्त आसमान की ऊंचाइयों को छूकर लौटा है। यह सिर्फ विज्ञान की जीत नहीं है। यह विश्वास और साहस की गूंज है।’
वहीं, एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला ने कहा, ‘मेरे पास क्लिप है, जिसमें मैंने स्पेस से भारत को कैप्चर करने की कोशिश की थी। स्पेस से भारत वाकई बहुत खूबसूरत दिखता है। खासकर रात के समय हिंद महासागर के ऊपर साउथ से नॉर्थ की तरफ आते समय, जब भारत के ऊपर से गुजरते हैं तो वह जीवन में देखे जाने वाले सबसे खूबसूरत नजारों में से एक होता है।’
शुभांशु ने स्पेस का एक वीडियो दिखाते हुए बताया कि वे उस समय भारत के ऊपर से गुजर रहे थे। वीडियो में ऊपर की तरफ पृथ्वी है। नीचे तारे दिख रहे हैं। शुभांशु ने बताया कि वीडियो के अंत में ऑर्बिट से सूर्योदय भी दिख रहा है।
शुभांशु का अगला मिशन गगनयान होगा
शुभांशु का अगला मिशन गगनयान होगा। यह ISRO का ह्यूमन स्पेस मिशन है। इसके तहत 2027 में स्पेसक्राफ्ट से वायुसेना के तीन पायलट्स को स्पेस में भेजा जाएगा। ये पायलट 400 किमी के ऑर्बिट पर 3 दिन रहेंगे, जिसके बाद हिंद महासागर में स्पेसक्राफ्ट की लैंडिंग कराई जाएगी। मिशन की लागत करीब 20,193 करोड़ रुपए है।
गगनयान मिशन के लिए अभी वायुसेना के चार पायलट्स को चुना गया है, जिनमें से एक ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला हैं। शुभांशु इसीलिए एक्सियम मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन गए थे।
गगनयान के जरिए पायलट्स को स्पेस में भेजने से पहले इसरो दो खाली टेस्ट फ्लाइट भेजेगा। तीसरी फ्लाइट में रोबोट को भेजा जाएगा। इसकी सफलता के बाद चौथी फ्लाइट में इंसान स्पेस पर जा सकेंगे। पहली टेस्ट फ्लाइट इस साल के अंत तक भेजी जा सकती है।

