कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा के अपने भाषण के 5 से ज्यादा हिस्से सदन की कार्यवाही से हटाने को लेकर मंगलवार को स्पीकर को चिट्ठी लिखी।
राहुल ने 1 जुलाई को राष्ट्रपति के अभिभाषण के प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष के तौर पर पहला भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने भाजपा, अल्पसंख्यक, NEET विवाद और अग्निपथ योजना जैसे मुद्दों पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था।
2 जुलाई को लोकसभा स्पीकर के आदेश पर राहुल के बयान से इन सभी अंशों को संसद के रिकॉर्ड से हटा दिया गया। इनमें हिंदुओं, NEET एग्जाम, PM नरेंद्र मोदी, BJP और RSS पर किए गए कमेंट्स भी शामिल थे।
मंगलवार को संसद पहुंचने पर जब राहुल गांधी को यह बताया गया तो उन्होंने कहा- मोदी जी की दुनिया में सच्चाई मिटाई जा सकती है, हकीकत में सच को नहीं मिटाया जा सकता।
बाद में उन्होंने लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी लिखी। जिसमें उन्होंने बयान के अंश हटाना संसदीय लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ बताया। साथ ही इन्हें री-स्टोर किए जाने की मांग की।
राहुल गांधी ने भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर के भाषण का हवाला दिया। उन्होंने लिखा कि उनका बयान आरोपों से भरा था, लेकिन हैरानी की बात है कि उसमें से केवल एक शब्द हटाया गया।
लोकसभा स्पीकर को लिखी चिट्ठी की बड़ी बातें…
सभापति को सदन की कार्यवाही से कुछ टिप्पणियों को हटाने का अधिकार है, लेकिन शर्त केवल उन्हीं शब्दों की है, जिन्हें रूल्स ऑफ बिजनेस के नियम 380 में कोट किया गया है।
मैं यह कहने के लिए मजबूर हूं कि हटाए गए अंश नियम 380 के दायरे में नहीं आते। मैं सदन में जो कहना चाहता था, वह जमीनी हकीकत और फैक्ट्स पर आधारित था।
सदन के हर सांसद, जो लोगों की आवाज बनकर आया है, उसे भारत के संविधान के अनुच्छेद 105(1) के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मिली है।
सदन में लोगों की चिंताओं को उठाना हर सांसद का अधिकार है। और जनता के प्रति अपने दायित्वों का पालन करते हुए मैं कल इसका प्रयोग कर रहा था।
राहुल ने सरकार को 20 मुद्दों पर घेरा था
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार और भाजपा को 20 से ज्यादा मुद्दों पर घेरा। उन्होंने हिंदू, अग्निवीर, किसान, मणिपुर, NEET, बेरोजगारी, नोटबंदी, GST, MSP, हिंसा, भय, धर्म, अयोध्या, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, अडाणी-अंबानी, प्रधानमंत्री और स्पीकर की चर्चा की। 90 मिनट के भाषण की शुरुआत संविधान की कॉपी दिखाकर की।
भाषण के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर तू-तू, मैं-मैं हुई। राहुल ने अग्निवीर, PM मोदी के परमात्मा से डायरेक्ट कनेक्शन और किसानों के MSP कानून की बात कही। इस पर PM 2 बार, शाह-राजनाथ 3-3 बार, शिवराज चौहान, किरेन रिजिजू और भूपेंद्र यादव ने एक-एक बार खड़े होकर टोका।
- BJP डर फैला रही: राहुल गांधी ने BJP पर डर फैलाने का आरोप लगाया। कहा- ‘हिंदू डर नहीं फैला सकता। BJP डर फैला रही है। अयोध्या से शुरू करता हूं।’ राहुल के इतना कहने पर अमित शाह खड़े हुए। कहा, ‘नियम इन पर लागू नहीं होता क्या। ये पूरी BJP को हिंसा फैलाने वाला बता रहे हैं। हाउस ऑर्डर में नहीं है। सदन ऐसे नहीं चलेगा। इस दौरान राहुल ने भगवान शिव की तस्वीर लहराई।
- अग्निवीर PM का ब्रेन चाइल्ड: राहुल ने कहा था, ‘पूरा देश जानता है कि ये सेना की स्कीम है। सेना जानती है कि ये स्कीम सेना की नहीं, PM का ब्रेन चाइल्ड है।’ राजनाथ सिंह ने आपत्ति जताई। कहा कि ये गलत बयानबाजी कर रहे हैं। राहुल के बयान को एक्सपंज करने की मांग की।तब राहुल बोले, ‘इनको अच्छी लगती है, रखिए। हमारी सरकार आएगी हम हटा देंगे। अग्निवीर जवानों के खिलाफ, सेना के खिलाफ है।’
कॉमर्शियल स्कीम में तब्दील कर दिया। गरीब मेडिकल कॉलेज नहीं जा सकता। पूरा का पूरा एग्जाम अमीर बच्चों के लिए बनाया है। हजारों करोड़ रुपए बन रहे हैं और कॉमर्शियल पेपर आपने जो बना रखे हैं, 7 साल में 70 पेपर लीक हुए हैं। प्रेसिडेंट एड्रेस में न पेपर लीक की बात होगी न अग्निवीर की बात होगी। हमने डिस्कशन की मांग की, सरकार ने बोला – नहीं, नहीं हो सकता।
- किसान कानून अडाणी, अंबानी के लिए लाए गए: राहुल ने बोला था- ‘किसानों को मुआवजा दिलाने के लिए बनाया बिल इन्होंने रद्द किया। किसानों को डराने के लिए तीन कानून लाए। सच्चाई यह है कि यह अडाणी, अंबानी के लिए लाए गए। आप उनको कहते हो यह सब आतंकवादी हैं। 700 किसान शहीद हुए, हमने कहा- किसानों को लिए मौन होना चाहिए, आपने कहा- यह किसान नहीं है, मौन नहीं होना चाहिए। आपने कहा यह आतंकवादी हैं।’

