सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) का नए सिरे से गठन किया है। रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW, रॉ) के पूर्व प्रमुख रहे आलोक जोशी को इसका नया चेयरमैन बनाया गया है।
NSAB में 6 सदस्य भी होंगे। इनमें आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के पूर्व अफसर हैं। साथ पूर्व डिप्लोमैट और पूर्व IPS अफसर को भी शामिल किया गया है।
सरकार ने ये फैसला पहलगाम आतंकी हमले को देखते हुए लिया है। NSAB राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय को इनपुट देगा।
पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी (CCS) की बैठक में ये फैसला लिया गया। इससे पहले CCS की बैठक पहलगाम हमले के एक दिन बाद यानी 23 अप्रैल को हुई थी।
क्या है राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB)
पहली बार 1998 में गठित किया गया था। इसे लॉन्ग टर्म स्ट्रैटजिक एसेसमेंट का काम दिया गया। ये भी तय किया गया कि NSAB, महत्वपूर्ण मुद्दों पर राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) को सलाह देगा।
2018 में बोर्ड का एक बार फिर गठन किया गया। तब भारत के रूस में राजदूत रहे पीएस राघवन को इसका प्रमुख बनाया गया था।
पहलगाम में आतंकी हमले से ठीक पहले का एक वीडियो है। अहमदाबाद के ऋषि भट्ट जिप लाइन राइड शुरू कर रहे थे। तभी गोली चलने की आवाज आई। जिप लाइन ऑपरेटर ने तीन बार कहा- अल्लाह-हू-अकबर। वीडियो सामने आया तो सवाल उठने लगे कि क्या जिप लाइन ऑपरेटर को पता था कि हमला होने वाला है।
केंद्र सरकार जाति जनगणना कराएगी। यह फैसला 30 अप्रैल को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिया गया। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि जाति जनगणना, मूल जनगणना में ही शामिल होगी।

