कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े अपने दावे पर बुधवार को माफी मांगने से इनकार कर दिया है। चव्हाण ने कहा, ‘मैं माफी नहीं मांगूंगा… मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा है और मेरे पास माफी मांगने का कोई कारण नहीं है।’
उन्होंने एक दिन पहले था कि मई में पाकिस्तान के साथ हुए सैन्य संघर्ष में भारतीय सेना को पहले दिन ही हार का सामना करना पड़ा था। इसको लेकर भाजपा कांग्रेस पर हमलावर है।
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा सेना का अपमान करना अब कांग्रेस की पहचान बन गया है। यह सिर्फ पृथ्वीराज चव्हाण का बयान नहीं है, बल्कि राहुल गांधी भी पहले इसी तरह के बयान दे चुके हैं।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि किसी को भी सशस्त्र बलों के शौर्य का अपमान या उसका दुरुपयोग करने का अधिकार नहीं है। जो लोग सशस्त्र बलों की बहादुरी को नीचा दिखाते हैं, वे कभी भी देशहित में नहीं सोच सकते।
जेडी(यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि पृथ्वीराज चव्हाण कांग्रेस नेता हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। कांग्रेस को तुरंत कदम उठाना चाहिए। किसी को भी सेना की ताकत या क्षमता पर सवाल नहीं उठाना चाहिए।
बीजेपी सांसद ब्रिज लाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से पाकिस्तान समर्थक रही है और उसने बार-बार देश का अपमान किया है। कांग्रेस और उसके नेता देश को नीचा दिखाने का काम करते रहे हैं।
पृथ्वीराज चव्हाण ने मंगलवार को पुणे में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- 7 मई को हुई करीब आधे घंटे की हवाई झड़प में भारतीय विमान उड़ान भरने की हालत में नहीं थे, क्योंकि पाकिस्तान की ओर से उन्हें गिराए जाने का खतरा था।
उन्होंने दावा किया था कि इसी वजह से एयरफोर्स को पूरी तरह ग्राउंड कर दिया गया था। अगर ग्वालियर, बठिंडा या सिरसा से कोई विमान उड़ता, तो उसके गिरने की पूरी आशंका थी।
चव्हाण ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जमीन पर सेना की एक किलोमीटर की भी मूवमेंट नहीं हुई। लड़ाई सिर्फ हवाई और मिसाइल हमलों तक सीमित रही। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भविष्य में होने वाली लड़ाइयों में 12 लाख सैनिकों वाली बड़ी थलसेना की जरूरत होगी? उन्हें किसी और काम में भी लगाया जा सकता है।

