अमेरिका के साथ डिफेंस डील को रोकने से जुड़ी खबरों को भारत सरकार ने खारिज कर दिया है। ये जानकारी न्यूज एजेंसी ANI ने डिफेंस मिनिस्ट्री के सोर्स के हवाले से दी है। इसमें बताया गया कि ये रिपोर्ट्स गलत और झूठी हैं। अमेरिका से खरीद प्रक्रिया पहले की तरह जारी है।
इससे पहले न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में 3 भारतीय अफसरों के हवाले से दावा किया था कि टैरिफ विवाद के बीच भारत ने अमेरिका से नए हथियार और विमान खरीद की योजना रोक दी है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय रक्षा मंत्री आने वाले हफ्तों में डिफेंस डील के लिए अमेरिका जाने वाले थे। अब यह दौरा रद्द कर दिया गया है।
भारत पर अब तक 50% टैरिफ
ट्रम्प भारत पर अब तक 50% टैरिफ लगाने का ऐलान कर चुके हैं। उन्होंने 30 जुलाई को 25% टैरिफ लगाया था, जो 7 अगस्त से लागू हो गया है। वहीं, 6 अगस्त को एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन कर भारत पर 25% टैरिफ और बढ़ा दिया है, जो 27 अगस्त से लागू होगा।
ट्रम्प के आदेश में कहा गया है कि रूसी तेल की खरीद की वजह से भारत पर यह एक्शन लिया गया है। रूस इस पैसे का इस्तेमाल यूक्रेन के खिलाफ जंग में कर रहा है।
अफसरों ने बताया- अभी लिखित आदेश नहीं हुए
अफसरों ने रॉयटर्स को बताया कि इन सौदों को रोकने के लिए अभी लिखित आदेश नहीं हुए हैं। हो सकता है कि टैरिफ विवाद सुलझने के बाद इस पर फैसला लिया जाए।
अफसरों के मुताबिक, भारत सरकार अमेरिका के साथ बातचीत करती रहेगी। टैरिफ और द्विपक्षीय संबंधों पर स्पष्टता के बाद ही आगे डील पर फैसला लिया जा सकता है। रक्षा सौदे भी तभी आगे बढ़ पाएंगे।
भारत कॉम्बैट व्हीकल्स खरीदने वाला था
भारत जनरल डायनेमिक्स लैंड सिस्टम्स के स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल्स और रेथियॉन तथा लॉकहीड मार्टिन (LMTN) के जैवलिन एंटी टैंक मिसाइलों को खरीदने वाला था। ट्रम्प और मोदी ने इस साल फरवरी में इनकी खरीद और संयुक्त उत्पादन की योजना को आगे बढ़ाने की घोषणा की थी।
P-8I इंडियन नेवी का सबसे ताकतवर टोही एयरक्राफ्ट है। लंबी दूरी के इस सर्विलांस एयरक्राफ्ट में बोइंग ने इंडियन नेवी के लिए कुछ बदलाव भी किए थे। इंडियन नेवी इसकी पहली इंटरनेशनल कस्टमर थी। नेवी के पास इस तरह के 12 एयरक्राफ्ट हैं।
एयरक्राफ्ट AN/APY-10 रडार से लैस है। इसे अमेरिकी कंपनर रेथियॉन ने तैयार किया है। इसकी वजह से समंदर के नीचे की तस्वीरें भी ली जा सकती हैं। साथ ही, बादलों के बीच दुश्मन के हर टारगेट को निशाना बनाया जा सकता है। यह रडार टारगेट के साइज और स्पीड जैसी डीटेल्स भी दे सकता है।

