1 दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। इस मीटिंग में विपक्ष के सभी सीनियर लीडर शामिल हुए।
पार्लियामेंट्री अफेयर्स मिनिस्टर किरेन रिजिजू ने कहा- हम विपक्षी पार्टियों की बात सुनेंगे। यह विंटर सेशन है, हम उम्मीद करते हैं कि सब लोग ठंडे दिमाग से काम करेंगे और गरमागरम बहस से बचेंगे।
पार्लियामेंट में एक सार्थक चर्चा होगी, कोई डिस्टर्बेंस नहीं होगा। अगर हम ठंडे दिमाग से काम करेंगे, तो यह देश के लिए फायदेमंद होगा और पार्लियामेंट सेशन आसानी से चलेगा।
SIR मुद्दे पर रिजिजू ने कहा- मैं यह नहीं कह सकता कि हम चर्चा के लिए कौन से मुद्दे लाएंगे। इलेक्शन कमीशन अपना काम करता है। मैं इलेक्शन कमीशन का स्पोक्सपर्सन नहीं हूं।
संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलेगा। 19 दिन में पूरे सत्र के दौरान 15 बैठकें होंगी। एटॉमिक एनर्जी बिल समेत 10 नए बिल पेश हो सकते हैं। उधर विपक्ष SIR मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगी।
इस बार संसद का शीतकालीन सत्र (विंटर सेशन) 1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलेगा। 19 दिन में पूरे सत्र के दौरान 15 बैठकें होंगी। इससे पहले 21 जुलाई से 21 अगस्त तक संसद का मानसून सत्र चला था। सत्र के पहले दिन राज्यसभा के तत्कालीन उपसभापति जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दे दिया। फिर पूरा सत्र बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया था। मानसून सत्र में कुल 21 बैठकें हुईं।
लोकसभा में 120 घंटे चर्चा का समय निर्धारित था, लेकिन सिर्फ 37 घंटे कार्यवाही चली। राज्यसभा में सिर्फ 41 घंटे चर्चा हुई। लोकसभा-राज्यसभा में कुल 27 बिल पास हुए। गिरफ्तार PM-CM को हटाने वाला संविधान संशोधन बिल सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। इसे जेपीसी के पास भेजने का प्रस्ताव पारित हुआ।
संसद के शीतकालीन सत्र में I.N.D.I.A. ब्लॉक मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग ला सकता है। 18 अगस्त को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर I.N.D.I.A. ब्लॉक की बैठक हुई थी।
बैठक के बाद कांग्रेस, TMC, सपा, DMK, राजद समेत 8 विपक्षी दलों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें TMC महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा- संसद के मौजूदा सत्र (मानसून सत्र) में 3 दिन बाकी हैं। महाभियोग लाने के लिए 14 दिन पहले नोटिस देना जरूरी है। CEC के रवैये को देखते हुए हम अगले सत्र (शीतकालीन सत्र) में नोटिस देंगे।
दरअसल, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने 7 अगस्त को चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोप लगाए थे। 17 अगस्त को CEC ज्ञानेश कुमार ने कहा था- राहुल वोट चोरी के आरोपों पर हलफनामा दें या देश से माफी मांगे।

