सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (19 जनवरी) को बिलकिस बानो गैंगरेप मामले के 11 दोषियों के सरेंडर की अवधि बढ़ाने की याचिका खारिज कर दी।
जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुईयां की बेंच ने कहा कि दोषियों ने सरेंडर के लिए समय बढ़ाने के जो कारण बताए हैं, उनमें दम नहीं है। इन सभी को दो दिन में सरेंडर करने के निर्देश दिए गए हैं।
इन दोषियों में से किसी ने अपने बेटे की शादी, किसी ने पैर की सर्जरी, किसी ने बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल करने, किसी ने फसलों की कटाई का कारण बताकर सरेंडर की तारीख बढ़ाने की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी को 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस से गैंगरेप के दोषियों को समय से पहले रिहा करने के राज्य सरकार के फैसले को रद्द कर दिया था।
कोर्ट ने सभी दोषियों को दो हफ्ते के भीतर यानी 21 जनवरी तक सरेंडर करने के लिए कहा था।कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा था- गुजरात सरकार दोषियों को कैसे माफ कर सकती है। सुनवाई महाराष्ट्र में हुई है तो रिहाई पर फैसला भी वहीं की सरकार करेगी।
8 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद बिलकिस ने एक बयान जारी कर सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि असल में आज मेरे लिए नया साल शुरू हुआ है। मेरी आंखें राहत के आंसुओं से भीग गई हैं। पिछले डेढ़ साल में आज पहली बार मेरे चेहरे पर मुस्कान आई है।

