सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश पुलिस से TDP सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू को फाइबर नेट मामले में गिरफ्तार नहीं करने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक स्किल डेवलपमेंट स्कैम मामले से जुड़ी याचिका में आदेश नहीं आ जाता है, तब तक चंद्रबाबू नायडू को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।
फाइबर नेट केस में चंद्रबाबू नायडू की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच कर रही है। नायडू की ओर से एडवोकेट सिद्धार्थ लुथरा और पुलिस की ओर से एडवोकेट रंजीत कुमार ने दलील दी। इस मामले में बेंच अगली सुनवाई 9 नवंबर को करेगी।
बेंच ने आंध्रप्रदेश पुलिस के पूर्व में दी दलील को याद दिलाते हुए कहा कि पहले जो समझ बनी थी, उसे जारी रखा जाए। पुलिस ने 13 अक्टूबर को कोर्ट को आश्वासन दिया था कि पुलिस, नायडू को हिरासत में नहीं लेगी।
कोर्ट- स्किल डेवलपमेंट स्कैम की याचिका में फैसला सुरक्षित है। इसलिए फैसला सुनाए जाने के बाद ही फाइबर नेट मामले में नायडू की अग्रिम जमानत याचिका में सुनवाई करना उचित होगा।
सिद्धार्थ लुथरा- चंद्रबाबू नायडू अभी स्किल डेवलपमेंट स्कैम के आरोप में पुलिस कस्टडी में हैं, इसके बावजूद फाइबर नेट मामले में पुलिस उनको गिरफ्तार करने का विचार कर रही है।
रंजीत कुमार- कोर्ट के फैसले का इंतजार करने में पुलिस को कोई दिक्कत नहीं है।
नायडू की याचिका HC रद्द कर चुकी
फाइबर नेट मामले में चंद्रबाबू नायडू ने आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी, जिस पर HC ने जमानत देने से मना कर दिया था। इसके बाद नायडू ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। नायडू की स्किल डेवलपमेंट स्कैम मामले में FIR रद्द करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
फाइबर नेट केस क्या है?
आंध्रप्रदेश में फाइबर नेट स्कीम के पहले चरण के तहत कामों के ठेके देने में हुई अनियमितताओं के खिलाफ CBI जांच कर रही है। CBI ने नायडू पर आरोप लगाया है कि अपने फायदे वाली कंपनी को इस योजना में 330 करोड़ रुपए के कामों का ठेका देने से राज्य को भारी नुकसान हुआ है। काम पूरा होने तक भी कंपनी के कामों में अनियमितताएं मिली हैं।
9 सितंबर को CID ने किया था गिरफ्तार
पूर्व CM नायडू को 9 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। 73 वर्षीय नायडू पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने साल 2015 में मुख्यमंत्री रहते हुए स्कील डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के फंड का कथित तौर पर गलत इस्तेमाल किया था, जिससे के कारण राज्य के खजाने को 371 करोड़ का नुकसान हुआ था। फिलहाल नायडू न्यायिक हिरासत में हैं और उन्हें राजा महेंद्रवर्धन केंद्रीय जेल में रखा गया है।
CID ने अपनी रिमांड रिपोर्ट में चंद्रबाबू नायडू पर आरोप लगाया था कि नायडू सराकरी फंड को खुद के उपयोग के लिए उसे परिवर्तित करने या धोखाधड़ी से दुरुपयोग करने, पब्लिक सर्वेन्ट्स के अधिकार की प्रॉपर्टी के निपटान, धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेजों को बनाने और सबूतों को नष्ट करने जैसे आपराधिक साजिशों में शामिल रहे।

