दरअसल, यूपी एटीएस ने आतंकी मॉड्यूल के मामले में महज शक के आधार पर रायबरेली के ऊंचाहार से मोहम्मद जमील, प्रतापगढ़ से मोहम्मद इम्तियाज उर्फ कल्लू और प्रयागराज के करेली से मोहम्मद ताहिर उर्फ मदनी को किया गिरफ्तार दिखाते हुए उठा लिया था। इसके बारे में यूपी एटीएस के चीफ जीके गोस्वामी और यूपी एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने खुद मीडिया को जानकारी दी थी। इन तीनों को बड़ा आरोपी बताया गया था और तीनों को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के हवाले करने की जानकारी दी थी।
लेकिन शाम होते होते पूरा मामला पलट गया। दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने 2 संदिग्धों मोहम्मद इम्तियाज और मोहम्मद जमील को पूछताछ के बाद छोड़ दिया, जबकि ताहिर के बारे में स्पेशल सेल के अधिकारियों ने किसी भी तरह की जानकारी होने से इनकार कर दिया है। शुरुआती पूछताछ में इम्तियाज और जमील से दिल्ली पुलिस को कोई जानकारी हासिल नहीं हुई। इसी वजह से उनके परिवार को बुलाकर दोनों को उनके हवाले कर दिया गया है। इनके खिलाफ कोई सबूत अभी तक जांच में स्पेशल सेल को नहीं मिले हैं।
अहम बात ये है कि यूपी एटीएस ने उपरोक्त तीनों का नाम गिरफ्तारी में दिखाकर स्पेशल सेल को हैंडओवर करने का दावा किया था और इस संबंध में प्रेस नोट भी जारी किया था, लेकिन स्पेशल सेल के पास दो संदिग्ध इम्तियाज और जमील थे, जिन्हें सबूतों के अभाव में छोड़ दिया गया। जबकि तीसरे संदिग्ध ताहिर के बारे में स्पेशल सेल का कहना है कि वो उनके पास नहीं है। ना ही उन्हें उसकी कोई जानकारी है।