जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में सोमवार (8 जुलाई) को आतंकियों के हमले में जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) समेत 5 जवान शहीद हो गए। हमले में घायल 5 जवानों को कठुआ के बिलावर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से देर रात पठानकोट मिलिट्री हॉस्पिटल रेफर किया गया है।
सेना के सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षाबल दो ट्रकों में कठुआ से करीब 123 किलोमीटर दूर लोहाई मल्हार ब्लॉक के माछेड़ी इलाके के बडनोटा में दोपहर 3.30 बजे पहाड़ी इलाके में पेट्रोलिंग के लिए निकले थे। रास्ता कच्चा था, गाड़ी की रफ्तार भी धीमी थी। एक तरफ ऊंची पहाड़ी और दूसरी तरफ खाई थी।
आतंकियों ने पहाड़ी से घात लगाकर सेना के ट्रक पर पहले ग्रेनेड फेंका, फिर स्नाइपर गन से फायरिंग की। सेना ने भी काउंटर फायरिंग की, लेकिन आतंकी जंगल में भाग गए। फिलहाल सेना, आतंकियों की तलाश में हेलिकॉप्टर, स्निफर डॉग्स, और ड्रोन की मदद ले रही है।
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, हमले में 3 से 4 आतंकियों के शामिल होने की बात सामने आ रही है। वे एडवांस हथियारों से लैस हैं। ये आतंकी हाल ही में सीमा पार से घुसपैठ करके आए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आतंकियों को हमले में लोकल गाइड ने भी मदद पहुंचाई है। उन्होंने आतंकियों को खाना और हमले के बाद छिपने में भी मदद की।
आतंकी 9 जून को रियासी हमले की थ्योरी दोहराना चाहते थे
9 जून को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार शपथ ले रहे थे। उसी समय जम्मू के रियासी से खबर आई कि आतंकियों ने श्रद्धालुओं की बस पर फायरिंग कर दी है। फायरिंग में ड्राइवर को टारगेट किया गया। इसकी वजह से बस बेकाबू होकर गहरी खाई में जा गिरी। 9 यात्रियों की मौत हुई, जबकि 42 लोग घायल हो गए।
8 जुलाई को कठुआ में भी आतंकियों ने हमले की यही थ्योरी अपनाई। आतंकियों ने ऊंची पहाड़ियों से सेना के ट्रक पर हमला किया। टारगेट ड्राइवर को किया। हालांकि, खराब सड़क की वजह से ट्रक 10 से 15 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार में था, इसलिए खाई में नहीं गिरा। इसके बाद आतंकियों की फायरिंग में 5 जवान शहीद हुए और 5 घायल हो गए।
ग्रामीण ने कहा- 10 मिनट पहले यहां से एक बस गुजरी थी
घटनास्थल से कुछ मीटर की दूरी पर दुकान चलाने वाले पूरन चंद शर्मा ने बताया- हमले से करीब 10 मिनट पहले एक बस सड़क से गुजरी थी। हमने एक जोरदार धमाका सुना। हमें लगा जैसे किसी गाड़ी का पहिया ब्लास्ट हुआ हो। कुछ देर बाद हुई भारी गोलीबारी से लगा कि एनकाउंटर चल रहा है। शाम 5 बजे तक भारी गोलीबारी हुई। उसके बाद एक घंटे तक रुक-रुक कर फायरिंग होती रही।
शर्मा ने बताया- मेरी दुकान पर करीब 12 ग्रामीण थे। गोलीबारी में फंसने से बचने के लिए हम अंदर छिप गए। गोलीबारी बंद होने के बाद हम हताहतों को निकालने में मदद करने के लिए दौड़े। एक अन्य स्थानीय विजय कुमार ने कहा बताया- आतंकवादी उस बस में सवार होकर आए होंगे, जो गोली चलने से कुछ देर पहले ही वहां से गुजरी थी।
आतंकी हमले को लेकर कश्मीर टाइगर्स का कबूलनामा…
हमले की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स नाम के आतंकी संगठन ने ली है। यह संगठन प्रतिबंधित पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की ही एक शाखा है। संगठन की ओर से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा गया कि यह हमला 26 जून को डोडा में मारे गए 3 आतंकियों की मौत का बदला है। साथ ही बताया कि आतंकियों ने हमला हैंड ग्रेनेड और स्नाइपर गन से किया।
KT-213 ने एक पोस्ट में लिखा- ‘कठुआ के बडनोटा में भारतीय सेना पर हैंड ग्रेनेड और स्नाइपर गन से हमला किया है। यह डोडा में मारे गए 3 मुजाहिदीन की मौत का बदला है। जल्द ही और ज्यादा हमले किए जाएंगे। ये लड़ाई कश्मीर की आजादी तक चलती रहेगी।’

