आरएसएस के वरिष्ठ नेता राम माधव ने भाजपा और RSS के बीच मतभेद की अटकलों को खारिज कर दिया है। उन्होंने शनिवार को न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि दोनों संगठन अपने-अपने क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा,
राम माधव के ये बयान ऐसे समय आए हैं जब कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल पीएम मोदी के स्वतंत्रता दिवस भाषण में आरएसएस का जिक्र करने को लेकर आलोचना कर रहे हैं। कांग्रेस नेताओं ने संगठन के उल्लेख को “संविधान और तिरंगे का अपमान” बताया है।
इस पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा- प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में आरएसएस का जिक्र मोहन भागवत को खुश करने के लिए किया, क्योंकि मोदी अब पूरी तरह उनके भरोसे हैं। सितंबर के बाद जब वे 75 साल के हो जाएंगे, तो पद पर बने रहे के लिए मोहन भागवत की मदद पर निर्भर हैं। भाजपा ने 75 साल की उम्र पर कई नेता रिटायर किए
पीएम मोदी 17 सितंबर को 75 साल के हो जाएंगे। विपक्ष के कई नेता 2024 के चुनाव से पहले और बाद में उनके 75 की उम्र पूरी करते ही रिटायर होने के चर्चा कर चुके हैं।
मई, 2024 में अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अगर भाजपा लोकसभा चुनाव जीत गई तो मोदी अगले साल तक ही प्रधानमंत्री रहेंगे। PM मोदी ने खुद यह नियम (75 साल की उम्र में रिटायरमेंट) बनाया है।
दरअसल 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा में 75 साल की उम्र से ज्यादा के नेताओं को रिटायर करने का ट्रेंड शुरू। पहली बार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट में इससे कम उम्र के नेताओं को ही जगह दी थी।
लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को मार्गदर्शक मंडल में शामिल किया गया। 2016 में जब गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने इस्तीफा दिया तो उस समय उनकी उम्र भी 75 साल थी। उसी साल नजमा हेपतुल्लाह ने भी मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दिया, जिनकी उम्र 76 साल थी।
2019 लोकसभा चुनाव से पहले तब के भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एक इंटरव्यू में कहा- 75 साल से ऊपर के किसी भी व्यक्ति को टिकट नहीं दिया गया है। यह पार्टी का फैसला है। उस चुनाव में सुमित्रा महाजन और हुकुमदेव नारायण यादव जैसे नेताओं को टिकट नहीं दिया गया।
इसी तरह 2024 लोकसभा चुनाव में राजेंद्र अग्रवाल, संतोष गंगवार, सत्यदेव पचौरी, रीता बहुगुणा जोशी का टिकट 75 साल से ज्यादा उम्र की वजह से काट दिया गया था।

