पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद स्थित बेलडांगा में बाबरी मस्जिद बनाने का ऐलान करने वाले विधायक हुमायूं कबीर को तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने गुरुवार को पार्टी से निलंबित कर दिया। कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने इसकी जानकारी दी। मेयर ने कहा कि पार्टी सांप्रदायिक राजनीति में विश्वास नहीं करती।
TMC से निकाले जाने के बाद हुमायूं ने कहा, ‘मैं अपने बयान पर कायम हूं। मैं 22 दिसंबर को अपनी नई पार्टी की घोषणा करूंगा। विधानसभा चुनाव में 135 सीटों पर उम्मीदवार उतारूंगा। मैं उन दोनों (TMC और भाजपा) के खिलाफ चुनाव लड़ूंगा।
मुर्शिदाबाद जिले में 28 नवंबर को कई जगहों पर बाबरी मस्जिद के शिलान्यास के पोस्टर लगाए गए थे। इन पर लिखा था कि 6 दिसंबर को बेलडांगा में बाबरी मस्जिद का शिलान्यास समारोह होगा। पोस्टर पर हुमायूं कबीर को आयोजनकर्ता बताया गया था। इसके बाद विवाद बढ़ गया था।
TMC से निकाले जाने के बाद हुमायूं कबीर ने कहा, ‘मैं 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद का शिलान्यास करूंगा। यह मेरा निजी मामला है। किसी पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने मुझे पहले भी 2015 में छह साल के लिए निलंबित किया था। अब फिर, इस पर मुझे कुछ नहीं कहना। वे जो करना चाहें, करें।’
कोलकाता मेयर फिरहाद हकीम ने कहा कि हमने देखा कि मुर्शिदाबाद से हमारे एक विधायक ने अचानक बाबरी मस्जिद बनवाने का ऐलान कर दिया। अचानक बाबरी मस्जिद क्यों? हमने उन्हें पहले भी चेतावनी दी थी। उनका यह बयान पार्टी लाइन से अलग है।
विधायक हुमायूं कबीर की ओर से बाबरी मस्जिद निर्माण के प्रस्ताव के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में गुरुवार को एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है। इसमें कहा गया कि हुमायूं कबीर का प्रस्ताव संविधान का उल्लंघन करता है।हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच इस मामले की सुनवाई कर सकती है।
2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर से करीब 25 किमी दूर, अयोध्या में सोहावल तहसील के धन्नीपुर गांव में मुस्लिम पक्ष को 5-एकड़ की वैकल्पिक जमीन आवंटित की गई थी। हालांकि, अब तक इसका निर्माण शुरू नहीं हुआ है।

