किसान आंदोलन के 14वें दिन यानी सोमवार को किसानों के समर्थन में संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च निकाला। पंजाब में किसानों ने नेशनल हाईवे पर ट्रैक्टर ट्रॉलियां खड़ी कीं। वहीं हरियाणा में टोल प्लाजों पर किसानों ने प्रदर्शन किया। इसके साथ किसानों ने वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) के पुतले भी फूंकें।
किसान दिल्ली कूच का फैसला 29 फरवरी तक टाल चुके हैं। हालांकि वे पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं।
इससे पहले, रविवार (25 फरवरी) को किसानों ने केंद्र से वार्ता के संकेत दिए। किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के कोऑर्डिनेटर सरवण पंधेर ने शंभू बॉर्डर पर कहा-”सरकार बॉर्डर और इंटरनेट खोलने का काम कर रही है। अब इस माहौल में सही से बातचीत हो सकेगी।”
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के प्रधान जगजीत डल्लेवाल ने कहा कि सरकार किसानों को गोली मारने वालों पर कार्रवाई करे। पंजाब के अंदर घुसकर किसानों को उठाने, पीटने और ट्रैक्टर तोड़ने वालों पर भी कार्रवाई हो।
किसान आंदोलन शुरू होने से दो दिन पहले ही कुरुक्षेत्र जिला प्रशासनिक के द्वारा पंजाब और हरियाणा से लगते कुरुक्षेत्र के बॉर्डर को बंद कर दिया गया था। इसके साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर शाहाबाद के पास भी जिला प्रशासन के द्वारा भारी बैरिकेडिंग की गई थी, ताकि अगर किसान पंजाब और हरियाणा के बॉर्डर को तोड़कर इस साइड से आते हैं तो उनको शाहाबाद में यहां पर रोका जाए। लेकिन जिला प्रशासन के द्वारा सोमवार को राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर सर्विस लेन पर की गई बैरिकेडिंग को खोल दिया गया है।

