मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले में सशस्त्र समूह अरामबाई तेंगगोल के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से हथियार जब्त किए गए हैं। पुलिस ने बुधवार को एक बयान में कहा कि दो व्यक्तियों की पहचान कंगाबाम लेनिन सिंह (43) और तोइजम शांतिकिशोर (50) के रूप में की गई।
दोनों को बुधवार देर रात नंबुल मापल इलाके से पकड़ा गया। उनके कब्जे से एक इंसास राइफल और एक मैगजीन, 16 कारतूस, एक 38 कैलिबर पिस्टल और एक मैगजीन और तीन कारतूस जब्त किए गए हैं। आगे की जांच और कानूनी कार्रवाई के लिए मामला दर्ज कर लिया गया है।
दूसरी तरफ, मणिपुर में पिछले 2 दिनों में 5 कुकी-जो उग्रवादियों की गिरफ्तारी से जनजातीय समुदाय नाराज है। भारत-म्यांमार सीमा पर बसे मोरेह शहर में इनकी रिहाई की मांग को लेकर बड़ा प्रदर्शन हुआ।
प्रदर्शनकारियों ने अलग प्रशासन, कुकी-जो उग्रवादियों को रिहा करो और मणिपुर से पूरी तरह अलग होने की मांग वाले नारे लगाए। सुरक्षाबलों ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनकी कई मामलों में तलाश थी। कुकी इंपी संगठनों ने बुधवार को एक दिन का बंद बुलाया था।
4 पॉइंट्स में जानिए क्या है मणिपुर हिंसा की वजह…
मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ST वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% इलाके में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं।
कैसे शुरू हुआ विवाद: मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाई कोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए।
मैतेई का तर्क क्या है: मैतेई जनजाति वाले मानते हैं कि सालों पहले उनके राजाओं ने म्यांमार से कुकी काे युद्ध लड़ने के लिए बुलाया था। उसके बाद ये स्थायी निवासी हो गए। इन लोगों ने रोजगार के लिए जंगल काटे और अफीम की खेती करने लगे। इससे मणिपुर ड्रग तस्करी का ट्राएंगल बन गया है। यह सब खुलेआम हो रहा है। इन्होंने नागा लोगों से लड़ने के लिए आर्म्स ग्रुप बनाया।
नगा-कुकी विरोध में क्यों हैं: बाकी दोनों जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं। इनका कहना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीट पहले से मैतेई बहुल इंफाल घाटी में हैं। ऐसे में ST वर्ग में मैतेई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों का बंटवारा होगा।
सियासी समीकरण क्या हैं: मणिपुर के 60 विधायकों में से 40 विधायक मैतेई और 20 विधायक नगा-कुकी जनजाति से हैं। अब तक 12 CM में से दो ही जनजाति से रहे हैं।
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार (8 जुलाई) को असम-मणिपुर का दौरा किया। उन्होंने असम के बाढ़ पीड़ितों और मणिपुर हिंसा के पीड़ितों से मुलाकात की। राहुल ने मणिपुर के हालात पर राज्य की गवर्नर अनुसुइया उइके से भी मुलाकात कर अपना पत्र सौंपा।
राहुल की आधे घंटे ज्यादा समय तक गवर्नर से चर्चा हुई। इसके बाद राहुल पार्टी के कार्यालय पहुंचे और वहां प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मणिपुर के हालात पर चिंता जताई।

