तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने इस दौरान जम्मू कश्मीर का नाम भी लिया था। तालिबान का कहना है कि वो दुनियाभर समेत जम्मू कश्मीर के मुस्लिमों के लिए आवाज उठाने का अधिकार रखता है। ये बयान तालिबानी प्रवक्ता ने तब दिया, जब अलकायदा ने उससे कश्मीर के लिए मदद मांगी है। जबकि इससे पहले तालिबान नेतृत्व ने अपने बयान में कहा था कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के मुद्दों में शामिल नहीं होगा और अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी अन्य देश के खिलाफ नहीं होने देगा।
तालिबान को केंद्रीय मंत्री की दो टूक
वहीं, अब इस तालिबान द्वारा कश्मीरी मुसलमानों पर की गई टिप्पणी के बाद केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने तालिबान को उसी की भाषा में दो टूक जवाब दिया है। मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि भारत में मस्जिद से नमाज अदा करके निकलने वाले मुसलमानों को गोली नहीं मारी जाती और ना ही उनके हाथ पैर काटे जाते हैं। यहां पर लड़कियों को स्कूल जाने से भी मना नहीं किया जाता है।
भारत के मुस्लिमों की चिंता न करे तालिबान
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नकवी ने कहा कि तालिबान को कड़ा जवाब देते हुए कहा कि भारत में धर्म के नाम पर अराजकता नहीं होती। यहां केवल एक ही धर्म है, संविधान। देश संविधान से ही चलता है और सभी तबके और समुदाय के लोगों को विकास के समान अवसर देता है। नकवी ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान में बहुत अंतर है। इसलिए मैं तालिबान से गुजारिश करता हूं कि वे यहां के मुस्लिमों की चिंता न करें और अपने ऊपर ध्यान दे।