वायनाड जिले के विथिरी के पास पुकोडे में एक पशु चिकित्सा कॉलेज (veterinary college in wayanad) के 13 छात्रों में दुर्लभ नोरो वायरस संक्रमण के लक्षण (norovirus symptoms) सामने आए थे। इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने छात्रावास को सील करते हुए सभी छात्रों के नमूने एकत्र कर लिए। नमूनों की जांच में एक छात्रा के नोरो वायरस की पुष्टि हुई है।
नोरो वायरस संक्रमण के मामले को लेकर राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज (Veena George) ने सभी स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक लेकर वायनाड की स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को नोरो वायरस के प्रसार को रोकने के लिए प्रयासों को तेज करने का निर्देश दिए हैं। इसके बाद स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि फिलहाल चिंता की बात नहीं है, लेकिन वायरस की गंभीरता को देखते हुए सभी लोगों को विशेष रूप से सतर्क रहना चाहिए।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि सुपर क्लोरीनीकरण सहित निवारक उपाय किए जा रहे हैं। पानी के स्रोतों साफ रखने और उचित रोकथाम और उपचार (norovirus treatment) से बीमारी को जल्दी खत्म किया जा सकता है। लोगों को बचाव के उपायों की जानकारी होनी चाहिए।
क्या होता है नोरो वायरस (What is Norovirus)?
सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार, नोरो एक बेहद संक्रामक वायरस होता है, जिससे संक्रमित व्यक्ति को उल्टी और डायरिया हो जाता है। सीडीसी के अनुसार, इसे ‘विंटर वॉमिटिंग बग’ के नाम से भी जाना जाता है। इससे संक्रमित व्यक्ति वायरस के लाखों तत्व छोड़ सकता है, जिनमें से कुछ संपर्क में आए लोगों को बीमार कर सकते हैं। पिछले महीनों में इंग्लैंड के नर्सरी और चाइल्ड केयर सेंटरों में इसके ज्यादा मामले देखे जा रहे हैं।
संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने पर यह वायरस स्वस्थ लोगों को भी अपनी चपेट में ले सकता है। संक्रमित खाना और पानी के सेवन से भी व्यक्ति बीमार हो सकता है। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति संक्रमित सतह को छूने के बाद बिना हाथ धोए मुंह को छूता है तो भी यह वायरस अंदर जाकर बीमार कर सकता है। यह कोरोना समेत दूसरे वायरसों की तरह ही फैलता है।