NDA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने नामांकन दाखिल कर दिया है। PM नरेंद्र मोदी पहले प्रस्तावक बने। नामांकन के दौरान गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई नेता मौजूद थे। नॉमिनेशन से पहले राधाकृष्णन ने संसद परिसर में स्थित गांधी प्रतिमा पर फूल चढ़ाए।
17 अगस्त को हुई भाजपा संसदीय दल की बैठक में उनके नाम पर सहमति बनी थी। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राधाकृष्णन के नाम का ऐलान किया था।
राधाकृष्णन का मुकाबला विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवार सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी से होगा। खास बात है कि दोनों उम्मीदवार दक्षिण से हैं। रेड्डी 21 अगस्त को नामांकन करेंगे।
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 9 सितंबर को वोटिंग होगी। उसी दिन काउंटिंग भी होगी। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 21 अगस्त है। 25 अगस्त तक उम्मीदवारी वापस ली जा सकती है।
दरअसल, उपराष्ट्रपति का चुनाव जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई की रात अचानक इस्तीफा देने की वजह से हो रहा है। 74 साल के धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था।
रिटायर्ड जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी विपक्ष के उपराष्ट्रपति कैंडिडेट
I.N.D.I.A ने सुप्रीम कोर्ट से रिटायर्ड जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को 19 अगस्त को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है। उनका मुकाबला NDA के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से होगा।
79 साल के रेड्डी गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और गोवा के पहले लोकायुक्त रह चुके हैं। वे आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं। 2007 में सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था।
खास बात है कि दोनों उम्मीदवार दक्षिण से हैं। रिटायर्ड जस्टिस रेड्डी आंध्रप्रदेश से, जबकि सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडु से हैं। राधाकृष्णन 20 जबकि रेड्डी 21 अगस्त को नामांकन दाखिल करेंगे।
NDA के उम्मीदवार का जीतना तय
लोकसभा में कुल सांसदों की संख्या 542 है। एक सीट खाली है। एनडीए के 293 सांसद हैं। वहीं, राज्यसभा में 245 सांसद हैं। 5 सीट खाली हैं। एनडीए के पास 129 सांसद हैं। यह मानते हुए कि उपराष्ट्रपति के लिए नामांकित सदस्य भी एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करेंगे।
इस तरह, सत्तारूढ़ गठबंधन को कुल 422 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। बहुमत के लिए 391 सांसदों के समर्थन की जरूरत है। अगस्त 2022 में एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को 528 वोट मिले थे। वहीं विपक्षी उम्मीदवार मार्गेट अल्वा को सिर्फ 182 वोट मिले थे। तब 56 सांसदों ने वोट नहीं डाला था।

