उत्तर प्रदेश के हाथरस में नारायण साकार हरि भोले बाबा के सत्संग के दौरान मंगलवार को भगदड़ मचने से 122 लोगों की मौत हो गई। इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। हादसा हाथरस से 47 किमी दूर फुलरई गांव में हुआ।
FIR के मुताबिक, प्रशासन ने सत्संग के लिए 80 हजार लोगों की अनुमति दी थी, लेकिन ढाई लाख लोग पहुंच गए थे। प्रशासन की रिपोर्ट में बताया गया कि सत्संग के बाद भोले बाबा के चरणों की धूल लेने के समय बाबा के सेवादारों ने लोगों से धक्का-मुक्की की। इसके बाद भगदड़ मच गई। भीड़ नीचे बैठे और झुके श्रद्धालुओं को कुचलती हुई निकल गई।
हादसे के बाद घायलों को टैंपो और बसों में हाथरस के अस्पताल लाया गया। घायलों को लेकर पहुंचे उनके परिजनों ने बताया कि सिर्फ एक डॉक्टर था। मरीजों को इलाज ही नहीं मिल पाया। अस्पताल के बाहर और बरामदे में घायलों की सांसें टूटती गईं। लाशें बिखरती गईं।
प्रशासन ने अब तक 121 मौत की पुष्टि की है। 4 जिलों हाथरस, अलीगढ़, एटा और आगरा में रातभर शवों का पोस्टमॉर्टम हुआ। परिजन अपनों की लाश को लेकर इधर-उधर भटकते रहे। बुधवार सुबह साढ़े 11 बजे सीएम योगी भी हाथरस पहुंचें। वो जिला अस्पताल में घायलों से मुलाकात कर रहे हैं।
जहां हादसा हुआ, वहां भोले बाबा की फोटो वाला पोस्टर लगा हुआ है। यहीं सत्संग के लिए लोग जमा थे।
सत्संग हादसे में कुचले गए कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं। कई लोगों के सिर फूट गए हैं, तो कई के हाथ-पैर टूट गए हैं।
हादसे के बाद घटनास्थल पर सन्नाटा है। सहमे हुए लोग वापस जा रहे हैं।
सत्संग हादसे में कुचले गए कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं। कई लोगों के सिर फूट गए हैं, तो कई के हाथ-पैर टूट गए हैं।
हाथरस अस्पताल में लोग परिजन के शव को सहेजते नजर आए।
सत्संग हादसे के बाद जब मृतकों की डेडबॉडी लाई गई, तो उनके परिजन बिलखने लगे।
हादसे के बाद हाथरस के DM आशीष कुमार ने अस्पताल पहुंचकर घायलों के इलाज की जानकारी ली और हादसे के बारे में बताया।
हाथरस अस्पताल में मौजूद दुलारी बाई ने बताया कि सत्संग के बाद लोग एकसाथ बाहर निकले और भगदड़ मच गई।
हादसे में मारे गए और घायल हुए लोगों के परिजन अस्पताल परिसर में बिलख रहे हैं। कई लोगों को तो अपनों की खबर तक नहीं मिल पाई है।
हाथरस के सरकारी अस्पताल में घायलों का हाल-चाल जानने के लिए उनके परिजन की भीड़ लगी हुई है।

