कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को रांची के शौर्य सभागार में संविधान सम्मान सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा- जब भाजपा के लोग आदिवासी को वनवासी कहते हैं तो वे क्या करने की कोशिश कर रहे हैं? आपका जो जीने का तरीका है, इतिहास है, विज्ञान है, जिसे आप हजारों सालों से चला रहे हो, उसे वो खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं।
आदिवासी का मतलब जो सबसे पहले मालिक थे, जबकि वनवासी का मतलब है जो जंगल में रहते हैं। जब इस शब्द का प्रयोग किया जाता है तो वो केवल एक शब्द नहीं होता। ये आपका पूरा इतिहास है। मैं हिंदुस्तान की शिक्षा व्यवस्था में पढ़ा हूं। आदिवासियों के बारे में केवल 10-15 लाइनें ही मिलेंगी।
इनका इतिहास क्या है, जीने का तरीका क्या है। उस बारे में कुछ नहीं लिखा। आपके बारे में OBC शब्द प्रयोग किया गया। क्या ये आपका नाम है? किसने कहा आप पिछड़े हो? आपका जो हक है वो आपको नहीं दिया जाता। जिन लोगों ने इस देश को बनाया है किसान, मजदूर, बढ़ई, नाई, मोची का इतिहास कहां है।
कांग्रेस और JMM 70 सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ेगी
कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति बन गई है। सीएम हेमंत सोरेन और कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर सहित कई नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात की घोषणा की। उन्होंने कहा- कांग्रेस और JMM 70 सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ेगी, बाकी बची सीटों के लिए जल्द ही जानकारी साझा की जाएगी।
सीएम हेमंत सोरेन ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा- अन्य सीटों के लिए मंथन किया जाएगा। हमारे साथ वाम दल भी जुड़ रहे हैं उनके साथ भी सीट साझा की जाएगी। राजद को 7 सीट देने पर सहमति बनी है।
वामदल को झामुमो-कांग्रेस अपने कोटे से देंगे सीट
इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे काे लेकर अब तक आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। लेकिन, सूत्रों के अनुसार बंटवारे का फॉर्मूला पिछले विधानसभा चुनाव की तरह है। 2019 में कांग्रेस 33, JMM 41 और राजद 7 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस बार भी लगभग यही फॉर्मूला है। अब गठबंधन में वाम दलों की इंट्री हाे रही है। इसलिए तीन दलों काे अपने कोटे से ही वामदलों काे सीट शेयर करनी हाेगी।
कांग्रेस और झामुमो की अभी वामदलों से बात नहीं हाे पाई है। राहुल गांधी के साथ होने वाली बैठक में यह तय होगा कि वामदलों के लिए कितनी सीटें छोड़ी जाए।
झारखंड में महागठबंधन यानी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेतृत्व वाली सरकार है। इसमें कांग्रेस, राजद और वाम दल शामिल हैं। भाजपा को झारखंड में सरकार बनाने के लिए संथाल परगना और कोल्हान प्रमंडल की 32 सीटों पर फोकस करना होगा।
संथाल परगना की 18 विधानसभा सीटों में से सिर्फ तीन सीटें अभी भाजपा के पास हैं। पिछले चुनाव में कोल्हान प्रमंडल की 14 विधानसभा सीटों पर तो भाजपा का खाता भी नहीं खुल पाया। जमशेदपुर पूर्वी से तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी हार का सामना करना पड़ा।
जनवरी में भ्रष्टाचार के मामले में CM पद से इस्तीफा देकर हेमंत सोरेन को जेल जाना पड़ा। हालांकि, जमानत मिलने के बाद वे बाहर आए और चंपाई सोरेन से 156 दिन में CM का पद वापस ले लिया। इसके बाद चंपाई भाजपा में शामिल हो गए। झारखंड आंदोलन में शिबू सोरेन के साथी रहे चंपाई को कोल्हान टाइगर भी कहा जाता है।

