Chandigarh/Atulya Loktantra: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) की तर्ज पर अब हरियाणा में मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना की शुरुआत होगी। उद्यान विभाग की ओर से इसका पूरा खाका तैयार कर लिया गया है और जल्द ही सीएम मनोहर लाल इसकी शुरुआत करेंगे। खास बात ये है कि योजना के लिए प्रारंभिक पूंजी के रूप में दस करोड़ रुपये की व्यवस्था की जाएगी।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत भी बागवानी फसलों को कवर किया जाता है लेकिन इसमें प्रति एकड़ आश्वस्त राशि का पांच प्रतिशत प्रीमियम जमा कराना पड़ता है। मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के तहत यह राशि 2.5 प्रतिशत होगी। इससे प्रदेश के किसानों को इस योजना में शामिल होने के लिए कम राशि जमा करानी होगी।
ये 20 फसलें शामिल
बीमा योजना के तहत बागवानी की कुल 20 फसलों को शामिल किया गया है। इसमें 14 सब्जियों की फसलें, दो मसाला फसलें और चार फलों की फसलें शामिल हैं। इनमें टमाटमर, प्याज, आलू, फूलगोभी, मटर, गाजर, भिंडी, घीया, करेला, बैंगन, हरी मिर्च, पत्तागोभी और मूली हैं। मसाला फसलों में हल्दी और लहसून जबकि फलों में आम, किन्नू, बेर और अमरूद को शामिल किया गया है।
ये देना होगा प्रीमियम
बीमा योजना के तहत बीमा राशि सब्जियों व मसालों के लिए 30 हजार प्रति एकड़ और फलों के लिए 40 हजार रुपये प्रति एकड़ होगी। किसान का हिस्सा बीमा राशि का केवल 2.5 प्रतिशत होगी। सब्जियों में राशि 750 रुपये, फलों में 1000 रुपये प्रति एकड़ होगी। इसी प्रकार, मुआवजा राशि को चार श्रेणियों में 25, 50, 75 और 100 में बांटा गया है। मुआवजा राशि सर्वेक्षण पर आधारित होगी। योजना की निगरानी, समीक्षा एवं विवादों का समाधान पीएमएफबीवाई के तहत गठित राज्य स्तर व जिला स्तर की समितियों के माध्यम से किया जाएगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर पंजीकृत होना होगा।
ये आपदाएं होंगी कवर
बीमा योजना में प्राकृतिक आपदाओं को कवर किया जाएगा। इसमें खराब मौसम, ओलावृष्टि, तापमान, पाला, बाढ़, बादल फटना, नहर व ड्रेन का टूटना, जलभराव, आंधी, तूफान व आग से फसल को नुकसान को योजना में कवर किया गया है।