पलवल/ मुकेश बघेल: प्राप्त जानकारी के अनुसार गत्त दिवस हरियाणा राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया को मिली गुप्त सूचना के आधार पर आज पुलिस व समाजसेवी की सहायता से पलवल के एक गांव में अज्ञानता वश किए जा रहे बाल विवाह को रुकवाने में सफलता प्राप्त की ।
Child Marriage – बाल विवाह
भारत में कानूनी दृष्टि से 18 वर्ष से कम आयु की लड़की और 21 वर्ष से कम आयु के लड़के का विवाह करना बाल विवाह की श्रेणी में आता है, जो कि कानूनी अपराध है।
रेनू भाटिया ने बताया कि जैसे ही आयोग को पलवल के एक गांव में किए जा रहे बाल विवाह की गुप्त सूचना मिली उन्होंने तुरंत सारी जानकारी पलवल पुलिस की बाल विवाह निषेध अधिकारी सुमन चौधरी तथा अपनी प्रतिनिधि एवं पूर्व बाल कल्याण समिति सदस्य समाजसेवी अल्पना मित्तल के साथ साझा करते हुए विवाह रोकने के दिशानिर्देश दिए।
उसके उपरांत अल्पना मित्तल और सुमन चौधरी ने एक टीम की तरह काम करते हुए सम्बंधित थाने व चौकी के सहयोग से मौके पर पहुंचकर इस बाल विवाह को रुकवा कर नाबालिग बेटी परिजनों की काउंसलिंग करते हुए गांव के उपस्थित सभी लोगों को भी इस गलत कार्य के
Child Marriage – बाल विवाह – दुष्परिणाम और कानून की विस्तृत जानकारी दी।
माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी एवं मुख्यमंत्री खट्टर जी का स्पष्ट संदेश है कि
- हमारी भारत की बेटियों को न केवल बढ़ाना और पढ़ाना है
समाज में व्याप्त कुरितियों जैसे बेटा बेटी में अन्तर या बाल विवाह आदि से लड़ कर जीतना भी सिखाना है
आज भी कहीं कहीं कुछ लोग अज्ञानता वश अपनी नाबालिग बेटियों के विवाह कर देते हैं
जिससे वह भविष्य में अनेक परेशानियों का सामना करती हैं उन्होंने सभी को प्रेरित करते हुए कहा कि
- हम सबको भी एक नागरिक के नाते समाज में महिलाओं
- बेटियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए आगे बढ़ कर अपनी जिम्मेदारियों को निभाना होगा तभी हम एक स्वस्थ
- विकसित राष्ट्र का निर्माण कर पाएंगे।
Child Marriage बाल विवाह कानून अधिनियम, 2021
Child Marriage बाल-विवाह प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक, 20211 को
केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री द्वारा 21 दिसंबर, 2021 को लोक सभा में पुरःस्थापित किया गया था । ”
2006 में संशोधन करके इस विधेयक का उद्देश्य बाल-विवाह प्रतिषेध (संशोधन) अधिनियम महिलाओं की
- विवाह की आयु को 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष करना है।

