फरीदाबाद। गुरु गोबिंद सिंह के चारों साहिबजादों के अद्वितीय शौर्य और उनके सर्वोच्च बलिदान को नमन करते हुए शुक्रवार को सेक्टर-14 स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल के सभागार में वीर बाल दिवस का भव्य आयोजन किया गया। हरियाणा के कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग तथा शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में एक भावुक सैंड आर्ट शो (रेत कला) और जिला स्तरीय निबंध प्रतियोगिता के जरिए बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और साहिबजादा बाबा फतेह सिंह की शहादत को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण एनसीबी प्रोडक्शन के प्रसिद्ध सैंड आर्टिस्ट सरवन पटेल का सैंड आर्ट शो रहा। करीब 40 मिनट की इस कलात्मक प्रस्तुति ने इतिहास के पन्नों को दर्शकों के सामने सजीव कर दिया। कलाकार ने रेत के माध्यम से मुगलों के अत्याचार, साहिबजादों के अदम्य साहस और धर्म की रक्षा के लिए उनके बलिदान को क्रमबद्ध तरीके से उकेरा। शो की शुरुआत मुगल सेना के हमले के दौरान गुरु साहिब से बिछड़ने के मार्मिक दृश्य से हुई। इसके पश्चात सरहिंद के ठंडे बुर्ज में माता गुजरी और नन्हे साहिबजादों की कैद तथा उनके अटूट विश्वास के चित्रण ने वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम कर दीं। पृष्ठभूमि में बज रहे हल्के संगीत और मार्मिक कथानक ने इस शो को बेहद प्रभावशाली बना दिया, जिससे पूरा सभागार भक्ति और शौर्य के रस में डूब गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंची जिला शिक्षा अधिकारी अंशु सिंगला ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि साहिबजादों का बलिदान पूरे विश्व के इतिहास में अतुलनीय है। उन्होंने कहा कि इतनी कम उम्र में सत्य और धर्म के लिए अडिग रहना हमें सिखाता है कि कठिन परिस्थितियों में भी अपने मूल्यों से समझौता नहीं करना चाहिए। डीईओ सिंगला ने युवाओं से आह्वान किया कि वे साहिबजादों के आदर्शों को जीवन में आत्मसात कर एक सशक्त, संस्कारित और राष्ट्रभक्त समाज के निर्माण में अपनी जिम्मेदारी निभाएं। उन्होंने जोर दिया कि जिम्मेदार नागरिक बनकर ही हम राष्ट्र निर्माण में सही योगदान दे सकते हैं।
डीआईपीआरओ मूर्ति दलाल ने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रदेशभर में ऐसे कार्यक्रमों के जरिए साहिबजादों के इतिहास को जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि विभाग द्वारा खंड और जिला स्तर पर चार भाषाओं में निबंध प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जा रही हैं, ताकि नई पीढ़ी अपनी समृद्ध विरासत और गौरवशाली इतिहास से गहराई से जुड़ सके।
कार्यक्रम के दौरान डीएवी स्कूल की प्रधानाचार्या और समस्त शिक्षक स्टाफ ने मुख्य अतिथि का भव्य स्वागत किया। विद्यालय प्रबंधन ने इस अनूठी पहल की सराहना करते हुए कहा कि सैंड आर्ट जैसे आधुनिक और कलात्मक माध्यमों से इतिहास को समझना बच्चों के लिए अधिक सुलभ और प्रेरणादायक होता है। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रभक्ति और मानवता के प्रति समर्पण की भावना के साथ किया गया। इस अवसर पर विभिन्न स्कूलों के छात्र, शिक्षक और शहर के कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

