फरीदाबाद, 15 अक्टूबर। जिलाधीश विक्रम सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन फरीदाबाद जिला में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर पूर्ण रूप से सतर्क है। उन्होंने कहा कि त्योहारी सीजन में जिला में पर्यावरण के लिए घातक बेरियम साल्ट वाले पटाखे बेचने व प्रयोग करने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। जिला में किसी को भी सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी के आदेशों की जिला में अवहेलना नहीं करने दी जाएगी। त्योहारों पर केवल लाइसेंस लेकर हरित पटाखे (ग्रीन पटाखे) बेचने व प्रयोग करने की अनुमति होगी।
पटाखों पर बैन – पटाखों के भंडारण, बिक्री व प्रयोग पर
- 22 अक्टूबर से 31 जनवरी तक रहेगी रोक
- बिक्री व इस्तेमाल करने वालों से सख्ती से निपटा जायेगा और उनके पटाखे जब्त कर चालान किए जाएंगे।
दिवाली पर पटाखे फोड़ने से जुड़ी कुछ और बातें
- दीपावली, क्रिसमस व नववर्ष पर भी निर्धारित समय के दौरान ही कर सकेंगे ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल
- उन्होंने कहा कि जिला में हरित पटाखों को छोड़कर अन्य प्रकार के पटाखों का भंडारण,
उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय की हिदायतों के अनुसार जिला फरीदाबाद में कम प्रदूषण फैलाने वाले ग्रीन पटाखे ही लाइसेंस प्राप्त व्यापारियों के माध्यम से बेचे जा सकते हैं।
जिलाधीश ने बताया कि सीएक्यूएम द्वारा जिला में सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी के प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए व पटाखें जलाने पर प्रतिबंध लगाने के लिए जिला फरीदाबाद में पटाखों के भंडारण, बिक्री व इस्तेमाल (ग्रीन पटाखों को छोडक़र) पर रोक लगाने के आदेश जारी किए है।
पटाखों पर बैन जारी आदेशों में
पटाखों के किसी भी ऑनलाइन ऑर्डर को स्वीकार नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 223 के आधार पर प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए,
- जिला में पटाखों के उत्पादन,
- भण्डारण तथा बिक्री
को लेकर विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1884 के तहत जारी किए हैं।
पटाखों पर बैन – जिलाधीश द्वारा जारी आदेश में नियमों की पालना सुनिश्चित करवाने की जिम्मेदारी
- एसडीएम,
- थाना प्रभारी,
- नगर परिषद के अधिकारीगण,
- खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी
- तहसीलदार
अपने-अपने कार्यक्षेत्र में एक-दूसरे से तालमेल करके इन आदेशों को सख्ती से लागू करवाएंगे।
आदेशों को लागू करने वाले सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रतिदिन की पालना रिपोर्ट उपायुक्त कार्यालय में नियमित रूप से भेजेंगे।
जिलाधीश ने कहा कि हरित पटाखे
भी दीपावली पर्व के दिनों और अन्य पर्व जैसे गुरु पर्व आदि के दिन रात 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक व क्रिसमस व नववर्ष के अवसर पर भी निर्धारित समयावधि रात 11.55 से सुबह 12.30 बजे तक ही चलाने की अनुमति होगी। उन्होंने कहा कि इन आदेशों का उल्लंघन करते पाए जाने पर दण्ड प्रक्रिया अधिनियम तथा विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1884 की विभिन्न धाराओं के तहत कानूनी कार्यवाही करके दंडित किया जाएगा। यह आदेश जिला में 22 अक्टूबर, 2024 से लागू होकर 31 जनवरी 2025 तक प्रभावी रहेंगे।
जिलाधीश विक्रम सिंह ने आमजन से आह्वान किया कि वे त्योहारों पर पर्यावरण का भी ख्याल रखें।
दीपावली को इको फ्रेंडली तरीके से मनाना चाहिए।
- पटाखों की वजह से हमारे आस-पास का पर्यावरण तेजी से दूषित होता है।
- प्रदूषण की वजह से हम अपने आप को व अपनी सेहत को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
- हमें त्योहारों पर पर्यावरण का भी ख्याल रखना रखते हुए ईको फ्रेंडली तरीके से त्योहार मानना चाहिएं।

