भाजपा की गलत नीतियों के कारण देश का युवा सडक़ों पर : धर्मबीर भड़ाना
फरीदाबाद, 17 जून। मोदी जी ने देश की सीमा पर जान देने वाले जवानों से वन रैंक-वन पैंशन का जो वादा किया था, आज उसके उलट कार्य करते हुए सैनिकों को नो रैंक-नो पैंशन के तहत भर्ती किए जाने का कानून पास किया है। जो न तो देश हित में है और न ही युवाओं के हित में। यह देश के नौजवानों के साथ धोखा है, उनके अधिकारों का हनन है। उक्त वक्तव्य आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष धर्मबीर भड़ाना ने गुडग़ांव बडख़ल रोड स्थित जिला कार्यालय पर पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहे। प्रैसवार्ता में उनके साथ वरिष्ठ नेता प्रवेश मेहता, राजेन्द्र शर्मा, राकेश भड़ाना, मंजू गुप्ता, ब्रजेश नागर, वाई के शर्मा, हंसराज दायमा, मनीष भाटिया, जोगेन्द्र चंदीला, इन्द्रवीर, अजय खटाना, एम के वर्मा एवं महकचंद बैसला आदि मौजूद रहे। भड़ाना ने कहा कि सरकार के इस निर्णय के बाद हजारो नौजवान सडक़ों पर उतरेंगे और बेरोजगारी बढ़ेगी। 4 साल सेना की नौकरी करने के बाद बच्चे की उम्र मात्र 23 साल होगी, जिसके बाद उसके पास करने को कुछ नहीं होगा। ऐसी स्थिति में युवा अपने लक्ष्य से भटकेंगे और बेरोजगारी के हालातों में गलत रास्ता चुनेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के नए फैसले के बाद भारतीय सेना में भ्रष्टाचार बढ़ेगा। जिन बच्चों को भर्ती किया जाएगा, उनमें से 25 प्रतिशत युवाओं को आगे मौका मिलेगा, बाकि 75 प्रतिशत युवाओं को 4 साल बाद घर भेज दिया जाएगा। ऐसे में 25 प्रतिशत की लिस्ट में शामिल होने के लिए युवा जोड़-तोड़ का प्रयास करेंगे। इस मौके पर वरिष्ठ नेता राजेन्द्र शर्मा, प्रवेश मेहता एवं राकेश भड़ाना ने कहा कि 17 वर्ष की उम्र में बच्चों का माइंड मेच्योर नहीं होता, ऐसे में उनको सही दिशा एवं सही रास्ते की जरूरत होती है। फौज में 4 साल के लिए जाने के बाद उनके पास करने को कुछ नहीं होगा और वो अपने आपको असमंजस की स्थिति में पाएंगे। इन्होंने कहा कि देश में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर इस कानून को रद्द किया जाएगा और अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार दिया जाएगा। प्रैसवार्ता में महिला जोन अध्यक्ष मंजू गुप्ता, वाई के शर्मा एवं हंसराज दायमा ने कहा कि भाजपा केवल घोषणाओं की पार्टी बनकर रह गई है, धरातल पर उनका कोई काम नजर नहीं आता। इसलिए लोगों को उलझाने के लिए समय-समय पर ऐसी योजनाएं एवं कानून लाते रहते हैं, ताकि लोगों का ध्यान अहम मुद्दों से भटकाए रखें। इन्होंने कहा कि एक फौजी 4-5 साल में जाकर परिपक्व होता है और तभी आप उसको निकाल रहे हो। ऐसे में हमारी सेना भी कमजोर होगी और देश की सुरक्षा को खतरा बनेगा। सरकार के इस फैसले से देश के नौजवानों का मनोबल टूटा है। इसलिए सरकार को देशहित एवं युवाओं के हित में कृषि कानून की तरह इस फैसले को भी वापिस लेना चाहिए।