फरीदाबाद, 24 अप्रैल। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि रक्तदान किसी दूसरे का जीवन बचाने का पुनीत प्रयास है। रक्तदान के लिए निसंकोच आगे आना चाहिए। यह मानवता की भावना से किया गया महा दान है। वह सोमवार को श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की एनएसएस इकाई द्वारा आयोजित शिविर में स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर दुधौला के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आयोजित रक्तदान शिविर में 38 स्वयंसेवकों और स्टाफ के सदस्यों ने रक्तदान किया। रक्तदान करने वालों में छात्राएं भी शामिल हैं। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने रक्तदाताओं और साप्ताहिक एनएसएस शिविर में सेवा कार्य करने वाले सभी 78 स्वयंसेवकों की पीठ थपथपाई। इस मौके पर उन्होंने कहा कि एनएसएस स्वयं से पहले आप की भावना से काम करता है।
इसलिए हमें दूसरों के लिए भाव रखना चाहिए। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने विद्यार्थियों को संस्कारों के बारे में गहन जानकारियां दी। उन्होंने कहा कि चरण स्पर्श करने से लेकर तालियां बजाने तक की सारी प्रक्रियाएं हमारे संस्कार और शारीरिक अवस्थाओं के लिए उपयोगी हैं।