फरीदाबाद । भारत सरकार के बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत आज वीरवार को उपायुक्त (डीसी) आयुष सिन्हा के मार्गदर्शन में आज राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भाकरी, पाली, बदरौला, कुरैशीपुर, सोतई, मच्छगर सहित अन्य कई स्कूलों में बाल विवाह के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान उपस्थित छात्र-छात्राओं को यह संकल्प भी दिलाया गया कि वे किसी भी परिस्थिति में बाल विवाह नहीं करवाएंगे और न ही होने देंगे। साथ ही जागरूकता कार्यक्रमों में उन्होंने छात्र-छात्राओं को बाल विवाह न करने की शपथ भी दिलाई गयी।
संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी हेमा कौशिक ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में बाल विवाह जैसी सामाजिक कुप्रथा के उन्मूलन के उद्देश्य से 27 नवंबर से जिले के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में विशेष जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं आमजन को बाल विवाह के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करना तथा समाज में इसके विरुद्ध सकारात्मक सोच विकसित करना है।
कार्यक्रम के दौरान हेमा कौशिक ने बाल विवाह से उत्पन्न होने वाले सामाजिक, शैक्षणिक एवं स्वास्थ्य संबंधी गंभीर दुष्परिणामों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कम उम्र में विवाह से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास बाधित होता है, शिक्षा अधूरी रह जाती है तथा विशेषकर बालिकाओं के स्वास्थ्य पर इसके दूरगामी नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। बाल विवाह न केवल बच्चों के भविष्य को अंधकारमय बनाता है, बल्कि पूरे समाज के विकास में भी बाधा उत्पन्न करता है।
उन्होंने उपस्थित लोगों को बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के अंतर्गत लागू कानूनी प्रावधानों की भी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बाल विवाह कानूनन अपराध है और इसमें संलिप्त पाए जाने पर संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। कानून की जानकारी से ही समाज में इस कुप्रथा को प्रभावी ढंग से रोका जा सकता है। जागरूकता कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सभी नागरिकों एवं विद्यार्थियों को यह संकल्प दिलाया गया कि वे स्वयं कभी बाल विवाह नहीं करेंगे और न ही अपने आसपास या क्षेत्र में किसी भी परिस्थिति में बाल विवाह होने देंगे। इसके साथ ही छात्र-छात्राओं को बाल विवाह के विरुद्ध शपथ दिलाकर उन्हें सामाजिक परिवर्तन का सक्रिय भागीदार बनने के लिए प्रेरित किया गया।
हेमा कौशिक ने यह भी अपील की कि यदि कहीं भी बाल विवाह होने की जानकारी मिले, तो उसे तत्काल रोकने का प्रयास करें और निकटतम पुलिस थाना या चौकी को सूचित करें। इसके अतिरिक्त पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 पर कॉल करके भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। उन्होंने आश्वासन दिया कि शिकायतकर्ता की पहचान पूर्णतः गोपनीय रखी जाएगी।

