अरावली वन क्षेत्र में बने संस्थानों के CLU का मामला एक बार फिर चर्चा में है। बंधुआ मुक्ति मोर्चा ने सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम याचिका दायर कर सभी निर्माण को तोड़ने और तत्कालीन निगम अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। निगम प्रशासन ने तीन बड़े संस्थानों समेत कई फार्म हाउस मालिकों केा नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। क्योंकि साेमवार को हरियाणा सरकार इस मामले में अपना स्टेटस रिपोर्ट सौंपेगी।
निगम सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बधुआ मुक्ति मोर्चा ने सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम याचिका दायर कर अरावली वन क्षेत्र में बने निर्माण को अवैध और गैरकानूनी बताया है। साथ ही कोर्ट से इन संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। चूंकि MC मेहता बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वन क्षेत्र में किसी भी निर्माण कार्य को अनुचित बताया है। इसी को आधार बनाकर बंधुआ मुक्ति मोर्चा ने अंतरिम याचिका दायर की है। वर्तमान में अरावली वन क्षेत्र में बड़ी संख्या में फार्म हाउस व बिल्डिंगों का निर्माण किया जा चुका है। कई अवैध रूप से कॉलोनियों भी बन गयी है।
याचिका कर्ता का कहना है कि CLU करने से पहले किसी ने निगम से NOC तक नहीं ली है। ऐसे में उनकी मांग है कि सभी के CLU रद्द किए जाएं। वहां हुए निर्माणों को तोड़ा जाए, राज्य सरकार वन को संरक्षित करे और जो अधिकारी इन निर्माण कार्यो को होने दिया उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। ज्वाइंट कमिशनर प्रशांत अटकान का कहना है कि सभी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही पटवारी को मौके पर भेज कर रिपोर्ट मांगी है। ताकि जवाब सरकार को भेजा जा सके।