Faridabad/Atulya Loktantra : जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद विद्यार्थियों के इनोवेटिव बिजनेस आइडिया को सफल स्टार्ट-अप में परिवर्तित करने में सहयोग देगा। विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों की सुविधा के लिए जल्द ही परिसर में एक इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किया जायेगा। यह जानकारी कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने आज बीटेक विद्यार्थियों के लिए आयोजित इंडक्शन प्रोग्राम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए दी। इस अवसर पर कुलसचिव डा. राज कुमार, डीन, संस्थान डा. संदीप ग्रोवर, डीन इंफॉर्मेटिक्स एंड कंप्यूटिंग डा. कोमल भाटिया के अलावा विभिन्न इंजीनियरिंग विभागों के अध्यक्ष भी उपस्थित थे।
तीन सप्ताह तक चलने वाला यह कार्यक्रम डीन स्टूडेंट वेलफेयर डा. नरेश चैहान की देखरेख में इंजीनियरिंग विभागों की सक्रिय भागीदारी द्वारा आयोजित किया जा रहा है, जिसका संयोजन निदेशक, युवा कल्याण डा. प्रदीप डिमरी और डिप्टी डीन स्टूडेंट वेलफेयर डा. सोनिया बंसल कर रहे है। कुलपति ने कहा कि राज्य सरकार ने विश्वविद्यालय में इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने के लिए 30 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की है। इसके अलावा, विश्वविद्यालय का भूतपूर्व छात्र के संघ ने सेंटर की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता का योगदान देने का आश्वासन दिया है। इनक्यूबेशन सेंटर विद्यार्थियों को उनके बिजनेस आइडिया को एक सफल स्टार्ट-अप के रूप में विकसित करने में सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के लिए टीक्यूआईपी-3 प्रोजेक्ट के तहत भी शोध परियोजनाओं के लिए सहायता का प्रावधान है।
इस अवसर पर बोलते हुए, कुलपति ने विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ विभिन्न विश्वविद्यालय क्लबों में शामिल होकर रचनात्मक गतिविधियों अपनी भागीदारी सुनिश्चित बनाने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक छात्र को कम से कम दो क्लब में शामिल होना चाहिए और अपनी प्रतिभा को उभरने का मौका देना चाहिए। कुलपति ने कहा कि छात्रों के लिए विश्वविद्यालय में पर्याप्त अवसर हैं और उन्हें सिर्फ अपने पंसदीदा क्षेत्र पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
इससे पहले, डीन इंस्टीट्यूशंस डा. संदीप ग्रोवर ने विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय के बारे में एक विस्तृत जानकारी दी और उन्हें विश्वविद्यालय की विभिन्न प्रशासनिक एवं अकादमिक इकाईयों एवं उनके कार्यों के बारे में भी अवगत कराया। अपने संबोधन में उन्होंने विद्यार्थियों को एक डिप्लोमा संस्थान से पूर्ण विश्वविद्यालय बनने तक विश्वविद्यालय के विकास की एक झलक दी तथा उन्हें विश्वविद्यालय द्वारा की गई प्रगति से अवगत कराया।
इससे पहले, निदेशक, युवा कल्याण डा. प्रदीप डिमरी द्वारा इंडक्शन प्रोग्राम के तीन सप्ताह के कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी दी गई।उल्लेखनीय है कि देश में तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए गुणवत्ता उपायों के रूप में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् द्वारा अनिवार्य इंडक्शन प्रोग्राम लागू किया गया है, जिसके तहत परिषद् द्वारा मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग संस्थानों में अंडरग्रेजुएट विद्यार्थियों के लिए इंडक्शन प्रोग्राम का आयोजन अनिवार्य है। इस कार्यक्रम का आयोजन शिक्षण संस्थान द्वारा अकादमिक सत्र के पहले तीन सप्ताह के दौरान किया जाता है।
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