फरीदाबाद,11 अप्रैल। वकीलो ने राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम ए डी सी अपराजिता वरूण को वरिष्ठ अधिवक्ता शिवदत्त वशिष्ठ एडवोकेट के नेतृत्व मे ज्ञापन सौंपा। वशिष्ठ ने कहा हमारी समृद्ध भारतीय संस्कृति एवं समाजिक समरसता समलैंगिक विवाह के खिलाफ है।यह सुनिश्चित करने का प्रयास करे की समलैगिंक विवाह न्याय पालिका द्वारा वैध घोषित ना किया जाये। क्योकि उक्त विषय पुर्ण रूप से विधायको के क्षेत्राधिकार मे आता है।मनोज पंडित एडवोकेट ने कहा यदि समलैंगिक शादी को मान्यता देंगे तो इसका भविष्य क्या होगा ।समलैंगिक विवाह को लेकर पश्चिमी नजरिये के हिसाब से ना सोचकर भारतीय संस्कृति और परमपरा के हिसाब से विचार करना चाहिए ।
इसे लेकर भविष्य मे बहुत सी कानूनी जटलताओ का सामना करना पड़ सकता है जैसे अगर ही जैडर के लोग शादी करेगें तो गुजारा भत्ता कौन किसको देगा।घरेलू हिंसा मे यदि एक ही जैंडर के लोग है तो इसमे पीडित और अभियुक्त पक्ष कौन होगा ।ससुराल, मायका, पितृधन व मातृधन क्या है इस पर विचार करना होगा। वही इनके द्वारा बच्चे गोद लिये जाने पर कौन माता होगा, कौन पिता होगा यह कैसे तय होगा।अगर इसे लागू किया जाता है तो भारत को अपनी पूरी कानूनी सरचना बदलनी पडेगी।