फरीदाबाद। टीबी जैसी जानलेवा बीमारी से लड़ाई में अब जनप्रतिनिधि भी मोर्चा संभालने लगे हैं। इसकी मिसाल पेश की बड़खल के विधायक धनेश अदलखा ने, जिन्होंने अपनी विधानसभा के सभी 250 टीबी मरीजों को गोद लेकर न केवल उन्हें पोषण आहार किट वितरित की, बल्कि उनके उपचार और मानसिक संबल की जिम्मेदारी भी उठाई। यह पहल फरीदाबाद ही नहीं, पूरे प्रदेश में एक अनुकरणीय उदाहरण बन रही है, जो यह दिखाती है कि जब राजनीतिक इच्छाशक्ति और सामाजिक दायित्व एक साथ आएं, तो बदलाव की जमीन तैयार होती है। अदलखा की इस पहल ने टीबी रोगियों में आशा की नई किरण जगा दी है।
इलाज और इंसानियत को मिला सहारा
ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज, फरीदाबाद में टीबी उन्मूलन के लिए एक विशेष स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन डीटीओ डॉ. हरजिंदर सिंह के नेतृत्व में किया गया। शिविर में टीबी और एचआईवी जांच, थूक संग्रहण, छाती का एक्स-रे, एनएएटी परीक्षण, विशेष देखभाल सेवाएं, निक्षय मित्र पंजीकरण और पोषण किट वितरण जैसी सुविधाएं दी गईं। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक धनेश अदलखा, डीजीएचएस डॉ. ब्रह्मदीप और सीएमओ डॉ.जयंत आहूजा शामिल हुए। शिविर के दौरान 19 निक्षय मित्रों ने 24 टीबी रोगियों को गोद लिया और उन्हें पोषण किट वितरित की। विधायक धनेश अदलखा ने कहा कि समाज के हर वर्ग की भागीदारी से ही 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य पूरा हो सकता है।
टीबी उन्मूलन में सामूहिक भागीदारी जरूरी: डॉ.हरजिंदर
डीटीओ डॉ. हरजिंदर सिंह ने कहा कि निक्षय मित्र जैसी पहल टीबी रोगियों की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ उन्हें मानसिक और सामाजिक सहयोग भी प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि समय पर जांच, उचित इलाज और जागरूकता ही टीबी पर नियंत्रण के अहम साधन हैं। इसके लिए समाज के हर वर्ग की सक्रिय भागीदारी जरूरी है, तभी 2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
शिविर का संदेश: टीबी हारेगा, फरीदाबाद जीतेगा
कार्यक्रम का समापन इस दृढ़ संकल्प के साथ हुआ कि 2025 तक फरीदाबाद को टीबी मुक्त बनाने के लिए प्रशासन, समुदाय और जनप्रतिनिधियों की त्रिस्तरीय साझेदारी को और मजबूत किया जाएगा, ताकि हर स्तर पर समन्वित प्रयासों से टीबी पर निर्णायक जीत हासिल की जा सके।

