फरीदाबाद, 17 मार्च । हरियाणा प्राइमरी टीचर एसोसिएशन रजिस्टर्ड नंबर 2197 जिला फरीदाबाद के जिला प्रधान व प्रदेश कोषाध्यक्ष चतर सिंह के नेतृत्व परिवार पहचान पत्र की आय के सर्वे में प्राथमिक शिक्षकों की ड्यूटी लगाने के विरोध में उपायुक्त कार्यालय सैक्टर 12 फरीदाबाद के समक्ष जिले के प्राथमिक शिक्षकों ने धरना प्रदर्शन किया। हरियाणा प्राइमरी टीचर एसोसिएशन जिला फरीदाबाद के प्रधान चतर सिंह ने बताया कि कोविड महामारी के कारण प्राथमिक स्कूल लगभग एक वर्ष बाद खुले हैं और अब स्कूलों में कोरोना महामारी के नियमो का पालन किया जा रहा है,जिससे कम समय में शिक्षकों द्वारा बच्चों को पढाया जा रहा है। ऐसे समय में जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों की परिवार पहचान पत्र की आय के सर्वे में ड्यूटी लगाना सरकारी स्कूलों के बच्चों के साथ खिलवाड़ है। दूसरी ओर निजी विद्यालयों में पढाई चल रही है। यदि सरकारी स्कूलों के शिक्षक ड्यूटी परिवार पहचान पत्र की आय के सर्वे में करेंगे तो स्कूल खाली हो जाएंगे, सरकारी स्कूल के बच्चे पढाई में पिछड जाएंगे। हरियाणा प्राइमरी टीचर एसोसिएशन जिला फरीदाबाद हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर से ज्ञापन के माध्यम से प्राथमिक शिक्षकों की ड्यूटी परिवार पहचान पत्र की आय के सर्वे से वापस लेने की मांग की गई है। हरियाणा प्राइमरी टीचर एसोसिएशन जिला फरीदाबाद के धरना प्रदर्शन को जिला महासचिव रामेश्वर यादव, कोषाध्यक्ष महेन्द्र सिंह अधाना, फरीदाबाद ब्लॉक प्रधान प्रवेश भडाना, सचिव मधु माहेश्वरी, मनोज नागर, हरीओम दलाल, समय सिंह, गीता रानी, सुमन, पुष्पा, मोनिका, नीरज अरोडा, कर्मवीर, धर्मेन्दर चौहान, मेहताब सिंह, अनीषा, अजय शर्मा, बीर सिंह, इन्दिरा, खुशवंत रानी, सुभाष जैन, सुरेश चंद्र ,सुरेश कुमार, विजय सिंह,पीताम्बर दत्त, राकेश, संगीता, दर्शना, सुशीला मनोज कुमार ने संबोधित किया।आज के धरना-प्रदर्शन में सहित सैंकड़ों अध्यापकों ने भाग लिया। धरना-प्रदर्शन के पश्चात हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर के नाम उपायुक्त फरीदाबाद के माध्यम से ज्ञापन सौंपा।
पहचान पत्र सर्वे में ड्यूटी लगाए जाने से नाराज प्राईमरी टीचरों ने किया प्रदर्शन
इस न्यूज़ पोर्टल अतुल्यलोकतंत्र न्यूज़ .कॉम का आरम्भ 2015 में हुआ था। इसके मुख्य संपादक पत्रकार दीपक शर्मा हैं ,उन्होंने अपने समाचार पत्र अतुल्यलोकतंत्र को भी 2016 फ़रवरी में आरम्भ किया था। भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से इस नाम को मान्यता जनवरी 2016 में ही मिल गई थी ।
Leave a Comment
Leave a Comment

