नगर निगम आयुक्त ने स्पष्ट किया कि केंद्रीय मंत्री द्वारा वर्ष 2026 तक प्रदूषण में 40 प्रतिशत तक कमी लाने का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उसे हासिल करने के लिए निगम पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करेगा। इसके लिए शहर के रोड नेटवर्क के समग्र विकास, डोर-टू-डोर कचरा संग्रह व्यवस्था को और मजबूत करने, औद्योगिक इकाइयों में प्रदूषण मानकों के सख्त अनुपालन तथा सार्वजनिक परिवहन और पार्किंग सुविधाओं के विस्तार पर विशेष जोर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि निर्माण एवं विध्वंस कचरे, नगर ठोस अपशिष्ट और लिगेसी वेस्ट के वैज्ञानिक प्रबंधन के लिए आवश्यक अवसंरचना का तेजी से विस्तार किया जा रहा है। धूल नियंत्रण के लिए सड़कों का एंड-टू-एंड पक्काकरण, खाली स्थानों पर बड़े पैमाने पर पौधारोपण और पौधों का वितरण भी इस योजना का अहम हिस्सा है। इसके साथ ही मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनों, वॉटर स्प्रिंकलर और एंटी-स्मॉग गन के उपयोग को बढ़ाया जा रहा है।
निगम आयुक्त ने जानकारी दी कि जल्द ही शहर में एंटी-स्मॉग गन की संख्या बढ़कर 15 हो जाएगी और मशीनरी के समयबद्ध व प्रभावी उपयोग पर विशेष निगरानी रखी जाएगी।
बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने औद्योगिक इकाइयों में ऑनलाइन कंटीन्यूअस एमिशन मॉनिटरिंग सिस्टम की प्रगति की समीक्षा की और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को परि-शहरी क्षेत्रों में नियमों का उल्लंघन करने वाली इकाइयों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने वायु प्रदूषण के खिलाफ जनभागीदारी को मजबूत करने पर भी जोर दिया। केंद्रीय मंत्री ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को दिल्ली-एनसीआर के लिए तैयार की गई कार्य योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी और समग्र समीक्षा के निर्देश देते हुए भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार इस अभियान में हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी। बैठक में सीएक्यूएम के अध्यक्ष, संबंधित मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी और दोनों नगर निगमों के शीर्ष अधिकारी उपस्थित रहे।

