केरल के निकाय चुनाव में NDA को बड़ी कामयाबी मिली है। गठबंधन ने तिरुवनंतपुरम नगर निगम के 101 वार्डों में से 50 वार्डों पर जीत दर्ज की है। पिछले 45 साल से यहां वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) का कब्जा है। LDF 29 और कांग्रेस गठबंधन (UDF) को 19 वार्डों में विजय मिली है।
2020 में तिरुवनंतपुरम के स्थानीय निकाय चुनावों में LDF ने 52 वार्ड जीते थे। भाजपा-नेतृत्व वाले NDA को 33 वार्ड मिले थे और UDF ने 10 वार्डों में जीत हासिल की थी। तिरुवनंतपुरम कांग्रेस सांसद शशि थरूर का गढ़ माना जाता है।
केरल के 1,199 स्थानीय निकायों के लिए सुबह 8 बजे से मतगणना जारी है। यहां दो फेज 9 और 11 दिसंबर को वोटिंग हुई थी। चुने गए पंचायत सदस्यों और नगर पालिका पार्षदों, कॉर्पोरेशन पार्षदों का शपथ ग्रहण 21 दिसंबर को होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘तिरुवनंतपुरम नगर निगम में शानदार जीत पर मेहनती भाजपा कार्यकर्ताओं को हार्दिक धन्यवाद। आज का दिन केरल में कार्यकर्ताओं की पीढ़ियों के कार्य और संघर्षों को याद करने का है, जिन्होंने जमीनी स्तर पर काम किया। हमारे कार्यकर्ता ही हमारी ताकत हैं और हमें उन पर गर्व है।’
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा, ‘यह केरल लोकल बॉडी चुनावों के इतिहास में UDF और कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीटें मिली हैं। यह हमारे लिए एक बड़ी जीत है। निश्चित रूप से हम अगले विधानसभा चुनाव जीतने वाले हैं। उन्होंने कहा कि मैं तिरुवनंतपुरम के किसी भी व्यक्ति (कांग्रेस सांसद शशि थरूर) पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता क्योंकि हम वैसे भी सफलताओं और असफलताओं दोनों की समीक्षा करेंगे।’
भाजपा उम्मीदवार आर. श्रीलेखा ने कहा- जब से मेरी उम्मीदवारी की घोषणा हुई है, LDF और कांग्रेस ने उम्मीद से ज्यादा मेरी आलोचना की है। मुझे खुशी है कि मेरे वार्ड के लोगों ने उन सभी बातों को नजरअंदाज किया और मेरा साथ दिया।

