फरीदाबाद। श्रीराम ने रघुकुल की बहुविवाह प्रथा को छोडक़र केवल जानकी के साथ रहना स्वीकार किया और मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में स्थापित किया। यह बात साध्वी ऋतंभरा ने सेक्टर 15 में आयोजित रामकथा में कही। आज यहां कथा का विशाल पूर्णाहुति यज्ञ के साथ समापन हो गया। साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि जिसे भगवान छोड़ देंगे डूबना उसकी नियती बन जाएगा। इसलिए ध्यान रखना कि जो हमारे राम का नहीं, वो हमारे काम का नहीं है। उन्होंने लोगों को चेताते हुए कहा कि हमें अपने चालक और पाचक को सोच समझकर चुनना चाहिए क्योंकि चालक के हाथ में स्टीयरिंग होता है और पालक के हाथ में भोजन होता है। दोनों के हाथ में हमारा जीवन होता है। उन्होंने आज के चेलों को भी चेताया कि वह गुरु से बड़ी अटैची न रखें। उन्होंने कहा कि सेवक होना बड़ा मुश्किल है।
जिसका अपना हेतु होता है वो सेवक नहीं हो सकता। वह इंद्र हो सकता है, ब्रह्मा हो सकता है लेकिन सेवक नहीं हो सकता। सेवक होने के लिए अपना दंभ और हेतु त्यागना पड़ता है। इससे पहले पूर्णाहुति यज्ञ का आयोजन हुआ जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने भागीदारी की। कथा के उपरांत सभी सौभाग्यवती महिलाओं ने अपने कलश प्राप्त किए और सभी ने भोजन प्रसाद प्राप्त किया। आज के आयोजन में फरीदाबाद की मेयर प्रवीण जोशी, परमशक्ति पीठ के महासचिव संजय भैया, रमेश गुप्ता, मुख्य यजमान प्रेम पसरीचा, एचसीएस ऋतु, प्रमोद गुप्ता, बी आर सिंगला, टी पी माहेश्वरी, युगल मित्तल, राकेश अग्रवाल, आरएसएस के जिला कार्यवाह गोविंद आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

