धरा दिवस के अवसर पर राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन आई टी तीन फरीदाबाद की जूनियर रेडक्रॉस, सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड और गाइड्स ने प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में स्टाफ सदस्यों ने पौधरोपण किया और छात्राओं की पेटिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई। पौधरोपण करते हुए प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि पृथ्वी पर रहने वाले अपरिमित जीव जंतुओं और पेड़ पौधों को बचाने तथा सम्पूर्ण विश्व में पर्यावरण के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लक्ष्य के साथ 22 अप्रैल को धरा दिवस अर्थात अर्थ डे मनाना प्रारंभ किया गया था। 1970 में प्रारंभ की गई इस परंपरा को विश्व ने खुले हृदय से अपनाया और आज सपूर्ण विश्व में प्रति वर्ष पृथ्वी दिवस के अवसर पर धरा की धानी चूनर को बनाए रखने और हर तरह के जीव-जंतुओं को पृथ्वी पर उनके अधिकार का स्थान सुरक्षित रूप में देने का संकल्प लिया जाता है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भी इस दिन का विशेष महत्व है। इसी दिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने देश सेवा के लिए भारतीय सिविल सेवा की नौकरी से त्यागपत्र दिया था। प्राचार्य मनचंदा ने कहा कि वृक्षारोपण से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को घटाने, प्रदूषण से मुक्ति पाने, भू-क्षरण को टालने एवम सभी के लिए आवास बनाने में सहायता मिलती है। युवाओं और बच्चों के साथ मिलकर हम अपनी धरती माता के संरक्षण के नए-नए तरीके अपना सकते हैं। विद्यालय की जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि अब न तो हमें चिड़ियों की चहचहाहट सुनाई देती है और न ही हमारे घर के आसपास आसमान में धवल पक्षियों की पंक्तियाँ ही नजर आती हैं।हमें कुछ ऐसा करना पड़ेगा ताकि कि स्थानीय पक्षियों की संख्या बढ़ने को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी छत पर उनके लिए घोंसला बनाएँ या उनके दाने चुगने और पीने के पानी की व्यवस्था करें ऐसा कर के हम पारिस्थितिक प्रणाली में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। पर्यावरण बचाने के लिए सबसे आवश्यकता है कि हम पहले पर्यावरण के बारे में अधिक से अधिक जानें और जागरूक हों। धरा दिवस पर्यावरण के बारे में सीखने तथा यह जानने के लिए अनुकूल समय है कि हम किस प्रकार से पर्यावरण को संरक्षित रख सकते हैं। प्राध्यापिका अंशुल द्वारा आज आयोजित पेटिंग प्रतियोगिता में छात्रा दिव्या यादव, भारती सिंह को प्रथम, राधिका, कंचन को द्वितीय तथा कोमल, आयुषी और किरण को तृतीय घोषित किया गया। आज के कार्यक्रम में प्रशंसनीय सहयोग के लिए प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने प्राध्यापिका अंशुल, प्रवीण सिंह, सूबे सिंह, संजय मिश्रा, रामकृपाल और सभी बालिकाओं का विशेष रूप से अभिनंदन किया।