Palwal (अतुल्य लोकतंत्र ): पुलिस प्रवक्ता कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार पलवल यातायात पुलिस द्वारा सुरक्षा के मद्देनजर ऑटो पर यूनिक नंबर लगाने का अभियान लगातार जारी है। महिला सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए पुलिस महानिदेशक हरियाणा शत्रुजीत कपूर के आदेश अनुसार व एसपी डॉ० अंशु सिंगला के दिशा निर्देश अनुसार पलवल यातायात पुलिस द्वारा जिला में चलने वाले सभी ऑटो पर विशेष यूनिक नम्बर लगाने का अभियान चलाया हुआ है। यातायात पुलिस द्वारा अब तक करीब 1000 ऑटो चालकों को यूनिक आईडी नंबर दिए जा चुके हैं।
पुलिस अधीक्षक डॉ० अंशु सिंगला ने कहा कि महिलाओं को सुरक्षित माहौल तथा बेहतर सुरक्षा प्रदान करना जिला पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं में सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए जिला पुलिस हर समय तत्पर रहती है, ताकि महिलाएं अपने आपको कार्यस्थलों, शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक परिवहन में पूरी तरह से सुरक्षित महसूस कर यात्रा कर सकें । उन्होंने कहा कि पुलिस का उद्देश्य महिला में सुरक्षा की भावना को बढ़ाना है और उनके परिवार की चिंता को कम करना है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दिन व रात के समय यात्रा करने वाली महिलाओं की सुरक्षा के मध्य नजर ऑटो रिक्शा चालकों का डाटा एकत्रित किया गया है और उन्हें यूनिक आई.डी. नंबर दिए जा रहे है जोकि ऑटो रिक्शा के आगे पीछे व अंदर चिपकाएं गए है। उन्होंने कहा कि जो महिलाएं देर रात यात्रा करती हैं, वे डायल 112 नंबर पर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकती हैं, ताकि पुलिस के पास उनका नंबर स्थाई रूप से फीड हो जाए। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि यात्रा करने वाली महिलाएं किसी भी कैब या ऑटो से यात्रा करते समय अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से चालक की फोटो खींचकर 112 पर भेज सकती हैं । महिलाओं तथा अन्य यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर जिला पुलिस ने ऑटो व ई-रिक्शा चालकों को रजिस्ट्रेशन कराने बारे दिशा निर्देश जारी किए हैं।
पुलिस विभाग की इस पहल से जहां अच्छी छवि के ऑटो-रिक्शा चालकों को राहत मिलेगी वहीं इस पेशे से जुड़े असामाजिक तत्वों पर भी अंकुश लगेगा। कई बार ऐसा देखने में आया है कि यात्री ऑटो रिक्शा में अपना सामान भूल जाते हैं, बिना पहचान के ऑटो व उनके चालको को पहचानने व सामान बरामद करने में परेशानी होती है। यूनिक आई.डी. मिलने के बाद ऑटो रिक्शा को ढूंढने में आसानी होगी। इसके अलावा अगर महिलाओं के साथ वारदात भी हो जाती है, ऐसी वारदातों को रोकने में भी मदद मिलेगी तथा नशेड़ी किस्म के ऑटो व ई-रिक्शा चालकों की भी पहचान होगी।