पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का मुद्दा हरियाणा में भी दिनोंदिन गरमाता जा रहा है। पूरे प्रदेश में पौने दो लाख कर्मचारी नेशनल पेंशन स्कीम का हिस्सा हैं, वे लंबे समय से इसका विरोध करते आ रहे हैं। शनिवार को भी 21 जिलों में पुरानी पेंशन बहाली संघर्ष समिति के बैनर तले विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने विरोध-प्रदर्शन किए। उसके बाद उपायुक्तों के जरिये मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम ज्ञापन भेजे। कर्मचारियों ने ज्ञापन में पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग की है।
पड़ोसी राज्य पंजाब पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर चुका है। हिमाचल में कांग्रेस ने सत्ता में आने के लिए इसे बहाल करने का वादा अपने घोषणा पत्र में किया था। उसी का नतीजा रहा कि हिमाचल प्रदेश में भाजपा सरकार बदल गई। कर्मचारियों ने ओल्ड पेंशन स्कीम यानि ओपीएस का नारा देकर कांग्रेस को चुनाव लड़ने में मदद की। हरियाणा में 2024 में विधानसभा चुनाव है। इसके मद्देनजर कांग्रेस कर्मचारियों की ओपीएस बहाल करने की मांग का समर्थन कर रही है। गठबंधन सरकार पर ओपीएस का मुद्दा भारी पड़ सकता है। भाजपा-जजपा को इसकी काट समय रहते ढूंढनी होगी। चूंकि, पौने लाख कर्मचारी नेशनल पेंशन स्कीम का हिस्सा हैं, जो सभी 22 जिलों में चुनाव का रुख बदलने का माद्दा रखते हैं। कांग्रेस और आप जहां इस मुद्दे को भुनाना चाहेंगी, वहीं भाजपा-जजपा के लिए यह गले की फांस बन सकता है।
कर्मचारी ओपीएस बहाली को लेकर रोहतक जिले में रविवार को प्रदर्शन कर उपायुक्त को ज्ञापन सौंपेंगे। इसके बाद वह नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा को भी ज्ञापन की प्रति देंगे। शनिवार को हुड्डा के हिमाचल प्रदेश में होने के कारण कर्मचारियों ने रोहतक में ज्ञापन देने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया। हिमाचल में नई सरकार का शपथ ग्रहण कार्यक्रम होने के बाद वह रोहतक पहुंचेंगे। झज्जर में पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने शनिवार को ज्ञापन लिया और कर्मचारियों को आश्वस्त किया कि उनका मुद्दा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में उठाएंगे। इसे कांग्रेस 2024 चुनाव में अपने घोषणा पत्र में भी शामिल करेगी।

