विचार से जुड़ी कुछ ताज़ा खबरें - अतुल्य लोकतंत्र समाचार

भूकंप बिगाड़ सकते हिमालय की सेहत: सुरेश भाई

अतुल्य लोकतंत्र के लिए लेखक और पर्यावरणविद् सुरेश भाई की कलम से••• 6 और 12 नवंबर 2022 को आये भूकंप…

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मुलायम सिंह का अवसान पिछडों के युग का विराम – ज्ञानेन्द्र रावत

अतुल्य लोकतंत्र के लिए वरिष्ठ पत्रकार एवं पर्यावरणविद् ज्ञानेंद्र सिंह रावत की कलम से•• राजनीति में साढे़ पांच दशक के…

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बढ़ते तापमान और जलवायु परिवर्तन के खतरे से बेखबर हम: ज्ञानेन्द्र रावत

मौसम में दिनोंदिन आ रहे बदलाव को सामान्य नहीं कह सकते। दरअसल यह एक भीषण समस्या है जिसे झुठलाया नहीं…

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Gaumukh: गौमुख के निकट दो 2 लाख से अधिक देवदार के पेड़ों का कहाँ गये

Gaumukh Uttarakhand: यह 27 घन किलोमीटर से अधिक की अनुमानित मात्रा के साथ हिमालय में सबसे बड़ा है। यह एक…

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शिक्षा में नवाचार (नवीन व्यवहार ) गुणवत्तापरक् शिक्षा में कितना कारगर

रचना शर्मा • शिक्षा में नवाचार अर्थात् नवीन व्यवहार, नवीन विधियों एवं रीतियों को शिक्षा में उतारना,जिससे शिक्षा में गुणात्मक…

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शिक्षा में नवाचार (नवीन व्यवहार ) गुणवत्तापरक् शिक्षा में कितना कारगर

रचना शर्मा • शिक्षा में नवाचार अर्थात् नवीन व्यवहार जी हां नवीन विधियों एवं रीतियों को शिक्षा में उतारना,जिससे शिक्षा…

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ज्ञानेन्द्र रावत अनुपम मिश्र स्मृति पुरुस्कार से सम्मानित होंगे

वरिष्ठ पत्रकार, लेखक एवं चर्चित पर्यावरणविद ज्ञानेन्द्र रावत देश के ख्यातनामा पुरुस्कार अनुपम मिश्र स्मृति पुरुस्कार से सम्मानित होंगे। इसकी…

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पर्यावरण विकास का आधार बनेगा तभी धरती बचेगी-ज्ञानेन्द्र रावत

आज पर्यावरण विनाश का सबसे बडा़ कारण वह तथाकथित विकास है जिसके पीछे इंसान आज अंधाधुंध भागे चला जा रहा…

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Mother’s Day मातृ दिवस | पृथ्वी पर परमात्मा का जागृत स्वरूप है मां

आज मातृ दिवस है। वैसे यथार्थ में मातृ दिवस को किसी दिवस विशेष में बांधा नहीं जा सकता। देखा जाये…

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उत्तराखंड के धधकते जंगलों की गाथा : ज्ञानेन्द्र रावत

आजकल उत्तराखंड के जंगल धधक रहे हैं। इससे तापमान में बढो़तरी तो होती ही है,पर्यावरण के साथ साथ मानव जीवन…

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विनाश की ओर बढ़ रही है धरती : ज्ञानेन्द्र रावत

आज धरती विनाश के कगार पर है। मानवीय स्वार्थ ने पृथ्वी, प्रकृति और पर्यावरण पर जो दुष्प्रभाव डाला है, उससे…

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परम्परागत कृषि पद्धति को बढ़ावा देने से बच सकते हैं प्राकृतिक संसाधन–रामभरोस मीणा

मानव द्वारा धान की पहचान, महत्व, उपयोगिता, उपभोग के महत्व को समझने के साथ ही कृषि का प्रारंभ हुआ। जंगलों…

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