कुवैत के मंगाफ शहर की 6 मंजिला इमारत में बुधवार को आग लगने से 49 मजदूरों की मौत हो गई। 50 से ज्यादा लोग घायल हैं। भारत के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, मरने वालों में करीब 42 भारतीय हैं। ANI के मुताबिक, इनमें 12 केरल और 5 तमिलनाडु से थे। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज कुवैत के लिए रवाना हो चुकी हैं।
अन्य मृतक पाकिस्तान, फिलिपींस, मिस्र और नेपाल के हैं। हादसे के बाद भारत के विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह कुवैत पहुंच चुके हैं। उन्होंने बताया कि इमारत में आग लगने की वजह से कुछ शव इतनी बुरी तरह से जल गए हैं कि उनकी पहचान नहीं हो पा रही है। कई शव बिल्डिंग की सीढ़ियों पर मिले। भारत का एयरफोर्स वन प्लेन शवों को वापस लाने के लिए तैयार खड़ा है।
मंत्री ने कहा, “जैसे ही शवों की पहचान हो जाती है, उनके परिजन को इसकी सूचना दी जाएगी। इसके बाद शव वापस भारत लाए जाएंगे।” कुवैत के समयानुसार यह हादसा बुधवार सुबह करीब 4:30 बजे हुआ। 6 मंजिला इमारत के ग्राउंड फ्लोर के किचन में लगी आग तेजी से पूरी इमारत में फैल गई। उस वक्त सभी कामगार सो रहे थे।
आग लगने की वजह से मची भगदड़ के बीच कई लोगों ने घबराकर बिल्डिंग की खिड़कियों से छलांग लगा दी। कई लोग इमारत के अंदर ही फंसे रह गए और धुएं में दम घुटने से उनकी मौत हो गई।
कुवैती विदेश मंत्री से मिले कीर्तिवर्धन सिंह
भारत से कुवैत पहुंचे विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने वहां के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल याहया से मुलाकात की है। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि वे शवों को जल्द से जल्द भारत पहुंचाने में मदद करेंगे।
यह कुवैत में लगी अब तक की सबसे भीषण आग
यह पूरे कुवैत में इमारतों में लगी अब तक की सबसे भीषण आग है। वहीं मरने वालों की संख्या के मामले में देश में दूसरी सबसे बड़ी आग है। इससे पहले अगस्त 2009 में जाहरा शहर में एक महिला ने पति की दूसरी शादी से नाराज होकर शादी के तंबू में आग लगा दी थी, जिससे 56 महिलाओं और बच्चों की मौत हो गई थी।
इमारत में रखे थे 24 गैस सिलेंडर
कुवैत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इमारत में आग क्यों लगी इसकी जानकारी अब तक नहीं मिली है। घटना की जांच की जा रही है। कुछ लोकल मीडिया रिपोर्ट्स में आशंका जताई गई है कि हादसा गैस लीक होने की वजह से हुआ।
जांच कर रही टीम ने आग लगने की वजह पता करने के लिए घटनास्थल से कई सैंपल लिए हैं। उन्होंने बताया कि बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर 2 दर्जन से ज्यादा गैस सिलेंडर रखे हुए थे।
मरने वालों की उम्र 20 से 50 साल के बीच
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कुवैत के के विदेश मंत्री अली अल-याह्या से फोन पर बात की। कुवैत ने आश्वासन दिया है कि मामले की जांच करके गुनहगारों को सजा दी जाएगी। जयशंकर ने मारे गए लोगों के शवों को जल्द जल्द भारत भेजने की अपील की है।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि घायलों का इलाज कुवैत के 5 अस्पतालों- अदान, जाबेर, फरवानिया, मुबारक अल कबीर और जाहरा में चल रहा है। घायल भारतीयों की हालत अब पहले से बेहतर है। कुवैत में भारतीय दूतावास ने इस घटना के बाद एक हेल्पलाइन नंबर +965-65505246 भी जारी किया है।
अरब टाइम्स के मुताबिक, मरने वालों की उम्र 20 से 50 साल के बीच है। इनमें ज्यादातर केरल, तमिलनाडु और नॉर्थ इंडियन हैं। सभी NBTC कंपनी में काम करते थे। कुवैत की कुल आबादी में 21%(10 लाख) भारतीय हैं। कुवैत के कुल कामगारों में भारतीयों की हिस्सेदारी 30% यानी 9 लाख है।

