संसद के मानसून सत्र और बजट से पहले पार्लियामेंट हाउस में ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई गई। बैठक में बीजेपी समेत 44 पार्टियों ने हिस्सा लिया। बैठक की अध्यक्षता राजनाथ सिंह ने की। कई केंद्रीय मंत्री इसमें शामिल हुए। विपक्ष की तरफ से कांग्रेस, AAP, AIMIM, YSRCP व अन्य पार्टियों ने हिस्सा लिया।
कांग्रेस ने लोकसभा के डिप्टी स्पीकर का पद मांगा। साथ ही कहा- NEET मामले में लोकसभा में चर्चा हो। सपा नेता रामगोपाल यादव ने यूपी कांवड़ यात्रा रूट की दुकानों पर नेम प्लेट लगाने का मुद्दा उठाया।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बताया- बैठक में जेडीयू ने बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांगा, YSRCP ने आंध्र प्रदेश को भी विशेष दर्जा देने की मांग की।
केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई इस बैठक में ममता बनर्जी की पार्टी TMC नहीं आई। पार्टी के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजीजू को चिट्ठी लिखकर बताया कि उनकी पार्टी का कोलकाता में कार्यक्रम है, इसलिए बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू बोले- हमने उपयोगी चर्चा की
सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, हमने बहुत उपयोगी चर्चा की। मैं सभी पार्टियों के फ्लोर लीडर्स को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने अच्छे सुझाव दिए। हमने संसद के सभी सदनों के नेताओं से सुचारु रूप से सुझाव लिए हैं, यह सरकार और विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी है। साथ ही अपील की है कि हम लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सरकार निर्धारित नियमों का पालन करते हुए संसद में किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।
सर्वदलीय बैठक मानसून सत्र के दौरान संसद अच्छे से चलाने के लिए बुलाई जाती है। विपक्ष और सरकार के बीच कुछ मुद्दों को लेकर हमेशा टकराव की स्थिति बनी रहती है, इसलिए संसद में हंगामा होता है और सत्र ठीक से नहीं चल पाता।
बैठक के बाद विपक्षी नेताओं का बयान …
संजय सिंह: AAP नेता ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में कई मुद्दे उठाए गए। जांच एजेंसियों का बहुत ज्यादा दुरुपयोग हो रहा है। ED को जो ताकत PMLA को लेकर दी गई है, उसे वापस लिया जाए। बजट अभी आने वाला है, लेकिन बजट मैं लीक कर सकता हूं कि दिल्ली को 325 करोड़ रुपए से ज्यादा नहीं मिलेगा। पिछले कई साल से ऐसा ही होता आ रहा है।
ओवैसी: AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मीटिंग में हमने कांवड़ मार्गों पर दुकानों के नेम-प्लेट लगाने के निर्देश का मुद्दा उठाया। अगर कोई सरकार संविधान के खिलाफ कोई निर्देश पास करती है तो उस पर केंद्र सरकार को संज्ञान लेना चाहिए। इससे छुआछूत को बढ़ावा मिल रहा है।
संसद की कार्यवाही पर हर मिनट का खर्च करीब 2.5 लाख रुपए
संसद की एक मिनट की कार्यवाही पर करीब ढाई लाख रुपए खर्च होते हैं। यानी हर घंटे के हिसाब से यह रकम 1.5 करोड़ रुपए होती है। यह खर्चा सांसदों को मिलने वाली सैलरी, अलाउंस, संसद सचिवालय पर होने वाले खर्च, सचिवालय स्टाफ की सैलरी और सांसदों की सुविधाओं पर खर्च होता है। यानी जब-जब हंगामे के कारण संसद स्थगित होती है तो यह नुकसान आम जनता का होता है, क्योंकि वह टैक्स के रूप में लाखों रुपए देती है।
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट
संसद का मानसून सत्र 22 जुलाई से शुरू हो रहा है। यह 12 अगस्त तक चलेगा। लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में तीसरी बार सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री मोदी का यह पहला बजट है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को सदन में बजट पेश करेंगी जिसके बाद दोनों सदनों में चर्चा होगी।

