संसद के मानसून सत्र का शुक्रवार को 10वां दिन था। बिहार वोटर वेरिफिकेशन मुद्दे पर विपक्ष ने हंगामा किया। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि राज्यसभा में सदस्यों को रोकने के लिए कमांडो बुलाए गए। यह लोकतंत्र के इतिहास काला दिन है।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, आज कमांडो तैनात किए गए। कोई कह रहा है कि यह CISF है, कोई कुछ और कह रहा है। उन जवानों ने सदस्यों को स्टाफ से मिलने से रोका।
हमारी महिला सदस्यों को पुरुषों जवानों ने रोका। जिस तरह से सदन के बाहर से लोगों को बुलाया गया और सांसदों को जबरदस्ती वेल में जाने से रोका गया, यह आपत्तिजनक है। सब कुछ कैमरे में कैद है।
कांग्रेस के इस आरोप पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि मुझे जो जानकारी मिली है। उसके मुताबिक कुछ सदस्य हंगामा करते हुए आक्रामक हो गए थे। सिर्फ उन्हें रोका गया था।
उधर कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश को लेटर लिखा है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा के उपसभापति को भेजे लेटर में लिखा, हम इस बात से हैरान हैं कि जिस तरह से CISF कर्मियों को सदन के वेल में लाया गया, यह बेहद आपत्तिजनक है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में जब सदस्य जनहित के महत्वपूर्ण मुद्दे उठा रहे होंगे, तो CISF कर्मी सदन के वेल में नहीं आएंगे।
रिजिजू का जवाब- सांसद वेल के पास खड़े हो जाते हैं
संसद सदस्यों की मांग थी कि सुरक्षा बढ़ाई जाए, इसलिए CISF तैनात की गई। सदन के अंदर, सदस्य कभी-कभी सत्ता पक्ष की मेज के ऊपर और वेल के पास खड़े हो जाते हैं। उन्हें ऐसा करने से रोकने के लिए सुरक्षा तैनात की गई है। किसी भी सांसद को बोलने से नहीं रोका जाएगा।
सदन के अंदर मार्शल और सुरक्षाकर्मी तब तक कोई कार्रवाई नहीं करेंगे जब तक सांसद कोई दुर्भावनापूर्ण कार्य नहीं करते। आज की जो घटना हुई है, मैंने राज्यसभा सचिवालय से जानकारी ली है। उनके मुताबिक कुछ सांसद आक्रामक हो गए थे उन्हें सिर्फ रोका गया था।
टैरिफ पर पक्ष-विपक्ष
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा- अमेरिकी राष्ट्रपति ने टैरिफ पर जो कहा, उसे सबने देखा है। प्रधानमंत्री मोदी हर जगह जाते हैं, दोस्त बनाते हैं और फिर हमें बदले में यही मिलता है।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा- अमेरिका से आयात पर 10-15 प्रतिशत टैरिफ की बात हुई थी। द्विपक्षीय व्यापार समझौता हुआ। दोनों पक्षों की 4 दौर की बातचीत के अलावा वर्चुअल बैठकें भी हुईं। देशहित में कदम उठाए गए हैं।
संजय सिंह ने कार्य स्थगन नोटिस में लिखा- भारत के रक्षा और ऊर्जा संबंधों पर जुर्माना लगाया गया है, जिससे न केवल व्यापक आर्थिक अस्थिरता पैदा हुई है, बल्कि घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों में भी दहशत फैल गई है।

